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बांग्लादेश में विपक्ष ने किया था चुनाव का बायकॉट, अब 5वीं बार PM बनेंगी शेख हसीना

ढाका

बांग्लादेश में एक बार फिर शेख हसीना प्रधानमंत्री बनने जा रहीं हैं. रविवार को हुए आम चुनाव में उनकी पार्टी आवामी लीग ने 300 में से दो-तिहाई से अधिक सीटें जीत ली हैं. शेख हसीना पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनेंगी. वह 2009 से ही प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले 1991 से 1996 तक भी शेख हसीना प्रधानमंत्री रह चुकीं हैं.

अभी तक की मतगणना में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग 300 संसदीय सीटों में से 224 सीटें जीत चुकी हैं. बांग्लादेश जातीय पार्टी चार सीटें जीती हैं. निर्दलीय 62 सीटों पर जबकि अन्य के खाते में एक सीट आई है. वहीं, बाकी बची दो सीटों पर अभी काउंटिंग चल रही है.

शेख हसीना अपनी संसदीय सीट गोपालगंज-3 से भारी अंतर से जीतीं. उन्हें 2,49,965 वोट मिले. जबकि, उनके निकटतम प्रतिद्वंदी एम. निजाम उद्दीन लश्कर को महज 469 वोट ही हासिल हुए. गोपालगंज-3 से शेख हसीना 1986 से अब तक आठवीं बार चुनाव जीत चुकीं हैं.

इसके साथ ही शेख हसीना बांग्लादेश में सबसे लंबे समय से प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी बना चुकीं हैं. वो 2009 से ही यहां की प्रधानमंत्री हैं.  

महज 40 फीसदी हुई वोटिंग

बांग्लादेश में 2018 में हुए चुनाव में रिकॉर्ड 80 फीसदी मतदान हुआ था. लेकिन इस बार हुए आम चुनाव का विपक्षी पार्टियों ने बायकॉट कर दिया था. नतीजा ये हुआ कि चुनाव में महज 40 फीसदी वोट ही पड़े. वहीं, आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादिर ने दावा किया कि लोगों ने वोट देकर बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी की बायकॉट को खारिज कर दिया.

चुनाव से पहले बांग्लादेश में कई जगह हिंसक घटनाएं भी हुई थीं. रविवार को भी वोटिंग के दौरान देशभर में 18 जगह आगजनी की घटनाएं हुईं, जिनमें से 10 में पोलिंग बूथ को निशाना बनाया गया था.

पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेताओं ने चुनावों को फर्जी बताया है. बीएनपी ने 2014 के चुनाव का भी बहिष्कार किया था. हालांकि, 2018 में पार्टी ने चुनाव लड़ा था. इस बार फिर बीएनपी ने चुनाव का बायकॉट कर दिया था. उसके साथ-साथ 15 राजनीतिक पार्टियों ने भी बहिष्कार कर दिया था. बीएनपी ने 48 घंटों की हड़ताल भी की थी, जिसमें जनता से वोट न देने की अपील की थी. बीएनपी नेताओं का दावा है कि कम वोटिंग इस बात का सबूत है कि उनका बायकॉट सफल रहा.

वोटिंग को लेकर लोगों में उत्साह नहीं था

बताया जा रहा है कि इस बार लोगों में वोटिंग को लेकर उत्साह नहीं था. पोलिंग बूथ पर भी लंबी कतारें नहीं थीं. वोटिंग शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका सिटी कॉलेज के पोलिंग बूथ में वोट डाला. इस दौरान उनकी बेटी साइमा वाजेद भी साथ थीं. शेख हसीना ने बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पर लोकतंत्र में विश्वास नहीं करने का आरोप लगाया था. उन्होंने भारत की तारीफ की थी और भरोसेमंद दोस्त बताया था.

इस चुनाव में 436 निर्दलीय उम्मीदवारों के अलावा 27 राजनीतिक पार्टियों के 1500 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में थे. पूर्व चुनाव आयुक्त ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) सखावत हुसैन ने इस चुनाव को पिछले दो चुनाव की तुलना में अनोखा बताया.

सखावत ने कहा कि इस बार चुनाव निर्दलीय और डमी उम्मीदवार के नाम पर एक ही पार्टी के उम्मीदवारों के बीच हो रहा है. इसलिए वोटर्स की रुचि कम है. उन्होंने कहा, ये अनोखा मॉडल है. हर कोई जानता है कि कौन जीतेगा है, सवाल ये है कि विपक्ष में कौन होगा.

 

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