रायपुर

सरकारी स्कूलों के एक हजार शिक्षक सीखेंगे अंग्रेजी बोलना, अप्रैल में कैम्प लगाने की तैयारी

रायपुर। सरकारी स्कूलों में छात्र नए शिक्षा सत्र से अंग्रेजी में बात करते नजर आएंगे। इसके लिए प्रदेश के एक हजार शिक्षकों को अंग्रेजी सीखने एक कैम्प का आयोजन किया जाएगा। तीन से चार दिन तक चलने वाले इस कैम्प में शिक्षक पहले खुद अंग्रेजी सीखेंगे फिर बच्चों को स्कूलों में अंग्रेजी बोलने के लिए प्रेरित करेंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी की सामान्य ज्ञान और बोलचाल की दिशा में एक पहल की है। इसके मुताबिक प्रदेश के ऐसे उत्साही शिक्षक जो अंग्रेजी में रुचि रखते हों उनके लिए अप्रैल माह में एक कैम्पेन चलाने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम में शामिल होने की रुचि रखने वाले शिक्षक ब्लॉक अधिकारी या जिला शिक्षाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक शुरुआत में एक हजार सरकारी शिक्षकों को अंग्रेजी बोलना सिखाया जाएगा। इसके लिए तीन से चार दिन तक का एक कैम्प आयोजित किए जाने की जानकारी दी गई है।

डॉ आलोक शुक्ला ने प्रारंभिक तौर पर शिक्षकों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण में जिन बातों को शामिल किया है उसमें यह है कि शिक्षकों को इतना अंग्रेजी का ज्ञान हो जाए कि वह स्कूल के भीतर और स्कूल के बाहर छात्रों से अंग्रेजी में बात कर सके। यह साफ कहा गया है कि प्रशिक्षण के दौरान या स्कूलों में बातचीत के समय अंग्रेजी का गलत उच्चारण किया जाएगा तो उसका मजाक न उड़ाया जाए। गलती को सुधारेंगे और प्रोत्साहित करेंगे।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख ने इस तरह से डिजाइन किया है कि कुछ समय में ही शिक्षक प्रशिक्षित हो जाए और अपनी सतत सहभागिता दे सके। तीन से चार दिन तक शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, उसमें शिक्षकों को अंग्रेजी में बोलना, आइस ब्रेकर गतिविधियां, अंग्रेजी में व्याख्यान, अंग्रेजी फिल्में देखना और उसके संवाद को ध्यान देना, समूह चर्चा का आयोजन करना, अंग्रेजी में प्रस्तुतिकरण, प्रत्येक सत्र के लिए गार्जियल एंजल चुनकर रोचक तरीके से प्रतिवेदन साझा करना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी अंग्रेजी में किया जाएगा। इस संबंध में यह स्पष्ट किया गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग के जो विशेषज्ञ शिक्षक होंगे उनसे और कोचिंग संस्थाओं से भी मदद ली जाएगी। इनसे भी प्रशिक्षण का एक डिजाइन तैयार करवाया जाएगा।

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