मध्य प्रदेश

मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए आदिवासी रंग में रंगे अधिकारी, धार में पलायन बड़ी चुनौती

धार
धार जिले में लोकतंत्र के त्योहार के प्रति मतदाताओं में आस्था बड़ी है। परंतु जिले में मजदूर वर्ग का पलायन कहीं ना कहीं आज भी चिंता का विषय बना हुआ है। मजदूरों को मतदान वाले दिन समय पर अपने मूल गांव लाकर मतदान करवाना प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में मजदूरों द्वारा शत प्रतिशत मतदान हो। इसको लेकर प्रशासन के आला अधिकारी भगोरिया की मस्ती में झूमते हुए नजर आ रहे है। आदिवासी संस्कृति के रंग में रंगकर उनके साथ त्योहार मना रहे है और मतदान की अपील कर रहे हैं।

गुरूवार को जिले में कई जगह भगोरिया में स्वीप गतिविधियां की गई। इसमें गुजरी में नायब तहसीलदार कृष्णा पटेल व धामनोद थाना प्रभारी अमित सिंह द्वारा गले ढोल मांदल टांगकर आदिवासी समाजजनों मतदान के प्रति जागरूक किया। गौरतलब है कि यहां पलायन एक बड़ी समस्या बनी हुई है। आदिवासी लोग अपने रोजी-रोटी के लिए अपना घर परिवार छोड़कर गुजरात की ओर चले जाते हैं। ऐसे में यह लोग दीपावली, होली व अन्य पर्व पर अपने घरों की ओर लौटते हैं।

वहीं इन लोगों को मतदान केंद्रों तक लाने के लिए प्रशासन के तमाम अधिकारियों द्वारा तमाम प्रयास किए जाते हैं। यहां गांव में डोंडी पिटवाने के साथ ही मतदान के लिए मजदूरों से गुजरात में संपर्क कर उन्हें मतदान दिवस पर अपने मूल गांव लाया जाता है। इस काम के कर्मचारियों की ड्यूटी यहां लगाई जाती है। इसी का नतीजा है कि हर चुनाव में अब यहां मतदान का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है।

विधानसभा चुनाव में 77. 96 प्रतिशत मतदान
इस बार विधानसभा चुनाव के ठीक चार दिन पहले 13 दिसंबर को दीपावली का पर्व था। ऐसे में मजदूर वर्ग अपने गांव दीपावली पर्व मनाने आए थे। इसका फायदा इस बार प्रशासन को हुआ है। प्रशासन द्वारा दीपावली पर आए मजदूरों को मतदान के लिए रोका गया। जिसका नतीजा यह रहा कि जिले में 77. 96 प्रतिशत मतदान हुआ है। इसमें गंधवानी में 73.66 प्रतिशत, कुक्षी में 74. 78 तो मनावर में 77.23 प्रतिशत मतदान हुआ। बढ़ते हुए मतदान के प्रतिशत को देखते हुए अब प्रशासन की निगाहे भगोरिया पर है।

समझाइश देकर दिला रहे शपथ
इस बार मतदान को लेकर प्रशासन द्वारा आदिवासी समाजजन में पूरी तहर घुल मिल गए हैं। 13 को लोकसभा चुनाव के तहत मतदान होना है। बता दे इन दिनों जिले में भगोरिया हाट चल रहे है। ऐसे में आदिवासी समाजजन पलायन से अपने मूल गांव लौटे हुए है। वह पूरे दिन भगोरिया की मस्ती में अपने जीवन का आनंद ले रहे हे। ऐसे में भगोरिया में अधिकारी पहुंच कर पलायन करने वाले लोगों की जानकारी लेकर उनके बीच जाकर उनसे मतदान की अपील कर रहे है।

माना जा रहा है होली के बाद मजदूर वर्ग दोबारा पलायन के गुजरात व अन्य प्रदेश निकल जाएगा। ऐसे में उन्हें दोबारा अपने मूल गांव बुलवाना कहीं ना कही चुनौती भरा रहेगा। हालांकि भगोरिया में पलायन करने वाले लोगों से संपर्क कर उनके नंबर व रहने के स्थान की जानकारी मिलने से उन्हे मतदान वाले दिन आसानी से अपने मुल गांव बुलवाया जाएगा।

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