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बागेश्वर बाबा को अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की चुनौती, बोले- जोशी मठ में दरार आ गई हैं उसे जोड़ दें, हम फूल बरसाएंगे ….

बिलासपुर । ज्योतिष पीठ के प्रमुख शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बागेश्वर धाम वाले बाबा के नाम से चर्चित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम लिए बगैर उनके चमत्कार को चुनौती दी है। बिलासपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि रायपुर में राम कथा करने वाले बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का क्या कार्यक्रम चल रहा है उसकी व्यक्तिगत जानकारी नहीं है। इसलिए वे इस पर कोई बात नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई चमत्कार करने वाले हैं तो जोशी मठ में दरार आ गई है उसे जोड़ दें, हम उन पर फूल बरसाएंगे। सारी जनता चाहती है कि कोई चमत्कार हो जाए।

उन्होंने कहा कि हमारे यहां ज्योतिष है उसे तृस्कंध माना गया है। उसमें एक होरा शास्त्र भी है, जिसमें जन्म कुंडली और प्रश्न कुंडली बनाई जाती है। जिसके आधार पर उपाय होता है। ज्योतिष शास्त्र के आधार पर अगर वहां पर कोई भविष्य कहा जा रहा है तो वह शास्त्र की कसौटी पर है और उसे हम मान्यता देते हैं। हमारा यह कहना है कि जो भी धर्म गुरू शास्त्र की कसौटी पर कुछ कह रहा है तो उसे मान्यता देते हैं।

नारियल से चुनरी निकाल कर गोला निकाल दे या सोना भी निकल जाए तो उससे जनता का क्या भला होगा। जो भी चमत्कार हो रहा है उससे जनता की भलाई हो तो हम उनका जय जयकार करेंगे, नहीं तो यह चमत्कार नहीं छलावा है और कुछ नहीं।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखने वाले लोग हैं। हमें किसी के साथ रहने में कोई दिक्कत नहीं है। मगर जब अंग्रेजों के खिलाफ हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर लड़ाई लड़ी और स्वतंत्रता प्राप्त की। उसके बाद मुस्लिम लीग के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने अलग पाकिस्तान की मांग की थी और कहा कि हम मुस्लिम सभी एक साथ एक ही जगह रहेंगे तभी खुश रहेंगे। उन्होंने देश का विभाजन करा दिया।

उसके बाद भी बड़ी संख्या में मुस्लिम यहां रहे और हमारे साथ आज खुश भी हैं, तो जब मुसलमानों को बंटवारे के बाद भी यही रहना है और वे हमारे साथ रहने में खुश भी हैं तो फिर अलग से पाकिस्तान की क्या जरूरत थी। पाकिस्तान को भारत में मिलाकर अखंड राष्ट्र बना देना चाहिए। नहीं तो जिस उद्देश्य के लिए पाकिस्तान अलग किया गया था उसे पूरा करने के लिए सारे मुस्लिमों को वहां भेज देना चाहिए।

शंकराचार्य ने कहा कि धर्मांतरण धार्मिक कारणों से नहीं हो रहा है, बल्कि राजनीतिक कारणों से हो रहा है। धर्मांतरण कराने वाले भी राजनीतिक होते हैं और इसका विरोध करने वाले भी। क्योंकि आज भीड़तंत्र के हिसाब से राजनीति होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को चोट पहुंचाने की लोग कोशिश कर रहे हैं। पर चोट नहीं पहुंचां पाते। सनातन धर्म खतरें में नहीं है। बल्कि इसे खतरे मे डालने की कोशिश हो रही है।

रायपुर में चल रही बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान फिर नागपुर में उन्हें मिले चैलेंज का जिक्र हुआ था। पंडित शास्त्री ने कहा कि लोग उन्हें पाखंडी और अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला कहते हैं। मैंने ऐसे लोगों को रायपुर आने का चैलेंज दिया था, अगर वे आए हों तो सामने आए। इसके बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों से भीड़ में से किसी महिला को लाने को कहा। इस महिला की समस्या का पर्चा उन्होंने पहले से लिख रखा था।

दरअसल, नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मानव ने कहा था कि धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं, अगर उनकी टीम से जुड़े लोगों के सवालों के जवाब वो दे पाए तो 30 लाख का ईनाम देंगे। खबर आई कि इस चैलेंज के बाद धीरेंद्र शास्त्री नागपुर से भाग गए थे। इसी के जवाब में शुक्रवार को धीरेंद्र शास्त्री ने रायपुर में दरबार लगाया था। खुला चैलेंज किया कि श्याम मानव रायपुर आएं और देख लें कि वो कैसे लोगों की समस्या का समाधान बताते हैं।

चैलेंज के साथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण ने दरबार लगाया। धीरेंद्र कृष्ण ने कहा कि नागपुर वालों को मैंने रायपुर आने को कहा था। अगर यहां आ गए हो तो सामने आओ, तुम्हारी ठठरी बांध देंगे और तुम्हें गीला करके भेजेंगे। नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण पर अंध विश्वास फैलाने का आरोप लगाया था उन्हें चैलेंज करते हुए बाबा ने रायपुर बुलाया था मगर श्याम मानव नहीं आए। धीरेंद्र कृष्ण कहते हैं बजरंग बली की कृपा से भीड़ में से किसी को भी उठाकर वो उसकी समस्या और समाधान बता देते हैं। इसके लिए कोई पैसा नहीं लेते। न ही खुद को संत बताते हैं और न ही किसी को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित करते हैं। लेकिन, श्याम मानव उनके दरबार में रायपुर नहीं आए।

मध्यप्रदेश में बागेश्वर धाम एक चंदेलकालीन प्राचीन सिद्ध पीठ है। 1986 में ग्रामवासियों द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। उसके बाद सन 1987 के बीच में ग्राम गढ़ा के बाबा सेतुलाल महाराज उर्फ भगवानदास महाराज निर्मोही अखड़ा चित्रकूट से दीक्षा प्राप्त करके बागेश्वर धाम पहुंचे थे। इसके बाद सन 1989 में एक विशाल यज्ञ का आयोजन करवाया गया था। 26 साल के धीरेंद्र शास्त्री बताते हैं कि ये उनके दादा के जमाने से चला आ रहा है। यहां उनके पूर्वज दरबार लगाकर लोगों को उनकी समस्या समाधान बताते थे।

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को धर्मांतरण संबंधी उनके एक बयान पर छत्तीसगढ़ के मंत्री ने चैलेंज दिया है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में धर्मांतरण के मामले नहीं बढ़े हैं। अगर पंडित धीरेंद्र शास्त्री इसे साबित कर दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उन्हें पंडिताई छोड़नी होगी। दरअसल, पंडित धीरेंद्र शास्त्री अभी रायपुर में हैं। वे यहां रामकथा करने पहुंचे हैं।

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए दावा किया था, कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं। उन्होंने बस्तर का जिक्र किया था और कहा था कि वहां के सनातन हिंदुओं को दूसरे धर्म में जाने देने से रोकना होगा। इसके बाद बस्तर के नेता और राज्य सरकार में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने उन्हें बस्तर चलने और इसे साबित करने कहा। लखमा ने तो यहां तक कह दिया कि बाबा को कैसे पता चला, क्या उन्हें सपना आया था।

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