मध्य प्रदेश

रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार आने वाले पांच साल में रेलवे इन पर लगभग 77 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा

जबलपुर
मध्य प्रदेश से गुजरने वाली रेल लाइन के विस्तार और रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प की तैयारी है। इसके लिए अंतरिम बजट में केंद्र ने बड़ी राशि जारी करने की घोषणा की है। रेलवे ने मध्य प्रदेश में रेल परियोजनाओं के विस्तार, स्टेशनों का उन्नयन और यात्री सुविधा बढ़ाने के लिए 15 हजार 143 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। आने वाले पांच साल में रेलवे इन पर लगभग 77 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा। बजट में देश में तीन इकोनामिक रेलवे कारिडोर बनाने की घोषणा की गई है। इन तीनों कारिडोर का कुछ हिस्सा मध्य प्रदेश की सीमा से गुजरेगा। पश्चिम मध्य रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने बताया कि पहला कारिडोर एनर्जी, मिनरल, सीमेंट का बनाया जाएगा। दूसरा कारिडोर पोर्ट कनेक्टिविटी के लिए और तीसरा हाई ट्रैफिक डेंसिटी कारिडोर होगा।

पमरे समेत सभी पांच रेलवे जोन का विकास
प्रदेश के 80 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत योजना के तहत विकसित किया जा रहा है, इसके लिए बजट में अलग से राशि देने की घोषणा की गई है। गुरुवार को आए केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में इस बार प्रदेश में रेलवे परियोजना के विस्तार, रेलवे स्टेशनों के विकास और यात्री सुविधा बढ़ाने के लिए 15 हजार 143 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। इसमें मध्यप्रदेश की सीमा में आने वाले पश्चिम मध्य रेलवे जोन के जबलपुर और भोपाल रेल मंडल के अलावा रतलाम, झांसी, नागपुर, बिलासपुर और प्रयागराज रेल मंडल के रेलवे स्टेशन शामिल हैं।

अमृत भारत स्टेशनों में बढ़ेगी काम की रफ्तार
अमृत भारत योजना में मध्य प्रदेश के 80 रेलवे स्टेशन थे, लेकिन इनके लिए बजट का आवंटन नहीं किया गया था। इन्हें रेलवे के बजट के तहत पैसा दिया जा रहा था, लेकिन अब रेलवे ने इस बार इन स्टेशनों के उन्नयन के लिए अलग से बजट तय कर दिया है, जिसके बाद इन स्टेशनों पर काम की रफ्तार बढ़ेगी। दरअसल 80 स्टेशनों में मुख्य तौर पर छोटे और सामान्य रेलवे स्टेशनों को ही लिया गया है। इनमें प्लेटफार्म का विस्तार, शेड लगाने के काम के अलावा यात्रियों के बैठने, पीने के पानी और प्लेटफार्म पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज बनाने से लेकर मुख्य भवन का कायाकल्प किया जाना है।

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