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जानिए क्यों है चर्चा मंत्री के रूप में बिलावल भुट्टो की पहली विदेश यात्रा …

नई दिल्ली। इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की यह पहली चीन यात्रा है और पद संभालने के बाद यह उनका पहला द्विपक्षीय दौरा भी है। अपनी यात्रा की शुरुआत में बिलावल भुट्टो ने शनिवार को ही ट्वीट करके बताया था कि मेरे पहले द्विपक्षीय दौरे के लिए ग्वांगझू में कदम रखा है। आज पाकिस्तान और चीन के राजनयिक संबंधों की 71वीं वर्षगांठ भी है। पाकिस्तान-चीन संबंधों पर गहरी चर्चा के लिए स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी से मिलने वाला हूं।

पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अपनी पहली विदेश यात्रा पर हैं। वे चीन पहुंचे हैं जहां उन्होंने चीन के गुआंगझोऊ में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात की। बिलावल भुट्टो के साथ विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार और वरिष्ठ अधिकारी भी चीन के दौरे पर हैं। चीन दौरे पर बिलावल भुट्टो अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ पाकिस्तान-चीन संबंधों पर चर्चा करेंगे। बिलावल भुट्टो का यह चीन दौरा पाकिस्तानी मीडिया की सुर्खियों में बना है। आइए जानते हैं कि इसकी चर्चा क्यों है।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भी एक बयान में कहा कि दोनों नेता पाकिस्तान और चीन के बीच मजबूत व्यापार और आर्थिक सहयोग पर विशेष ध्यान देने के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे। दोनों मंत्रियों के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) से संबंधित घटनाक्रमों पर भी चर्चा करने की उम्मीद है, जो लड़खड़ाती पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के कारण बाधाओं में चल रहा है।

एक रिपोर्ट में बीबीसी ने चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के हवाले से बताया कि उन्होंने चीन को अपनी पहली जगह के लिए चुना है। इस दौरे पर चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर की तेज प्रगति को लेकर भी चर्चा होगी। बड़े क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर दोनों पक्ष विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। बताया गया कि रणनीतिक साझेदार होने के नाते चीन और पाकिस्तान के लिए संवाद और समन्वय में सुधार करना जरूरी है ताकि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटा जा सके।

पाकिस्तान मामलों के कई जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान आर्थिक रूप से जूझ रहा है ऐसे में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा उसे आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा। दोनों देशों के लिए यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह 3,000 किलोमीटर लंबा गलियारा है जो चीन के उत्तर पश्चिमी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र और पाकिस्तान के पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को जोड़ता है। हाल के समय में इस परियोजना में देरी भी दोनों देशों के बीच चिंता का विषय है।

यह दौरान इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि अभी हाल ही में पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमला हो चुका है। सिंध प्रांत में कराची यूनिवर्सिटी में आत्मघाती विस्फोट के बाद 27 अप्रैल को बिलावल भुट्टो चरमपंथी हमले में चीनी पीड़ितों को सांत्वना देने के लिए चीनी दूतावास पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि वो इन हमलों की निंदा करते हैं और पाकिस्तान की कैबिनेट ने चीनी नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया था।

फिलहाल अपने दौरे पर विदेश मंत्री बिलावल अपने चीनी समकक्षन वांग यी के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे। बयान में कहा गया कि दोनों नेता समग्र द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे और विशेष तौर पर चीन-पाकिस्तान के बीच मजबूत व्यापारिक एवं आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे। अब देखना है कि बिलावल का यह दौरा पाकिस्तान के लिए क्या साबित होगा।

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