छत्तीसगढ़बिलासपुर

5 साल में 8 हजार से अधिक मकान व दुकानें बनीं लेकिन करदाता 5 हजार ही बढ़े, 3 हजार संपत्तियों का टैक्स नहीं वसूल रहा निगम …

बिलासपुर । शहर और आउटर 1 लाख 27 हजार 189 करदाता हैं, जिनसे निगम टैक्स वसूलता है। इसमें 20 से 25% करदाता ऐसे हैं, जो पिछले 15 साल से निगम को टैक्स ही नहीं दे रहे हैं। शहर में 59180 और आउटर में 68 हजार 9 करदाता हैं। इस वित्तीय वर्ष शहर में 54 करोड़ 39 लाख की टैक्स वसूली का लक्ष्य है, जिसमें जनवरी 2023 की स्थिति में 39.60 % ही वसूली हो सकी है। वहीं आउटर में 20 करोड़ 74 लाख की टैक्स वसूली का लक्ष्य है, जिसमें 46% वसूली हुई है। यानी टैक्स वसूली के मामले में शहर की अपेक्षा आउटर की स्थिति अच्छी है।

निगम के राजस्व विभाग के रिकाॅर्ड के अनुसार पिछले पांच साल में 5 हजार करदाता बढ़े हैं। इन पांच साल में डिमांड में मामूली वृद्धि की गई है, फिर भी टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है। इसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। टैक्स वसूल नहीं होने का असर शहर के विकास से लेकर आम जनता की सुविधाओं पर पड़ रहा है। भवन शाखा के रिकाॅर्ड के अनुसार पांच साल में करीब 8 हजार मकान और दुकानें बनीं हैं, लेकिन करदाता सिर्फ 5 हजार ही बढ़े हैं। पिछले दो साल में ही 5400 आवेदन नक्शा पास के लिए आ चुके हैं, जिसमें 80% आवेदन पास हो चुके हैं।

इस वित्तीय वर्ष स्पॉयरो को 54.39 करोड़ का टैक्स वसूली का लक्ष्य मिला है। जनवरी 2023 की स्थिति में कंपनी ने महज 21 करोड़ ही टैक्स वसूली की है। कंपनी को 90% टैक्स वसूलना है, लेकिन अभी की स्थिति में 39.60% ही टैक्स वसूल की जा सकी है, जबकि कंपनी के पास महज डेढ़ माह का समय है।

स्पॉयरो को अब बचे डेढ़ माह में 33 करोड़ टैक्स वसूली करना है, जो संभव नहीं है।घरों के हिसाब से 59180 घरों के टारगेट में महज 22 हजार घरों से यानी 35% ही टैक्स वसूल की जा सकी है।

शहर में स्पॉयरो जहां 39.60% टैक्स वसूल सकी है, वहीं आउटर में नगर निगम की टीम 46% टैक्स वसूल चुकी है। यानी टैक्स वसूली के मामले में नगर निगम का प्रदर्शन स्पॉयरो से बेहतर है।

शहर में करदाता बढ़े हैं अभी शहर और आउटर में 1 लाख 27 हजार करदाता हैं, जिनसे टैक्स लिए जाते हैं। पिछले पांच साल में करदाताओं के साथ डिमांड भी बढ़े हैं। – राजेंद्र पात्रे, उपायुक्त, नगर निगम

80% नक्शे पास

पिछले दो साल में दुकानों-मकानों के नक्शा पास के लिए 5400 आवेदन आए हैं, जिसमें 80% नक्शे पास हो गए हैं और यहां मकान और दुकान भी बन गए हैं। -सुरेश शर्मा, भवन शाखा अधिकारी

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