छत्तीसगढ़

नवाचारों को स्टार्टअप तथा लघु-मध्यम उद्योगों के रूप में स्थापित करें: डॉ. चंदेल

रायपुर।   इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के रफ्तार एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन सेन्टर (आई.जी.के.वी. राबी) द्वारा आज वर्ष 2023-24 के लिए पांचवां स्टार्टअप सत्र कॉहोर्ट 5.0 का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन एवं कॉहोर्ट 5.0 का लॉन्च इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. अजय वर्मा ने की।

इस अवसर पर संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक त्रिपाठी, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एस.एस. टुटेजा, अधिष्ठाता छात्रकल्याण डॉ. संजय शर्मा, कृषि महाविद्यालय के प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. ए.एस. कोटस्थाने, अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय डॉ. विनय पाण्डेय, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए.के. दवे एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

इस अवसर पर कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने नवीन सत्र हेतु चयनित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आई.जी.के.वी राबी के अंतर्गत पिछले चार वर्षाेें में नवाचारों को मूर्त रूप देने तथा स्टार्टअप्स की स्थापना हेतु उल्लेखनीय कार्य हुए हैं और आज यह केन्द्र स्टार्टअप्स की स्थाना हेतु देश में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य नवीन विचारों को स्टार्टअप्स के रूप में स्थापित करना तथा उसके पश्चात स्टार्टअप्स को लघु एवं मध्यम उद्योगों के रूप में रूपांतरित करना होना चाहिए। उन्होंने समस्त प्रतिभागियों से आव्हान किया कि वे अपने नवाचारों को स्टार्टअप्स तथा लघु एवं मध्यम उद्योग के रूप में स्थापित कर सफल उद्यमी बने तथा दूसरों को भी रोजगार प्रदान करने का कार्य करें।

इस अवसर पर आई.जी.के.वी राबी के प्रमुख एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. हुलास पाठक ने स्वागत उद्बोधन देते हुए आई.जी.के.वी राबी की टीम और गतिविधियों तथा उपलब्धियों के बोरे में विस्तार से अतिथियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कॉहोर्ट 5.0 कार्यक्रम के तहत कुल 47 कृषि उद्यमियों और कृषि स्टार्टअपस को इनक्यूबेट किया गया है, जिनमें से 25 स्टार्टअप अभिनव 5.0 के लिए चुने गए हैं और 22 स्टार्टअप उद्भव 5.0 कार्यक्रम के तहत चुने गए हैं। उन्होंने बताया कि 10 महिला स्टार्टअप संस्थापकों ने भी कॉहोर्ट 5.0 के लिए इनक्यूबेट किया है।

उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर कृषि व्यवसाय और ग्रामीण प्रबंधन विभाग में कृषि सहयोग और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा समर्थित आर.के.वी.वाय. रफ्तार एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर (आई.जी.के.वी. राबी) परियोजना को क्रियान्वित कर रहा हे। इस परियोजना का प्रारंभ वित्तीय वर्ष 2018-19 किया गया था। यह परियोजना कौशल विकास और वित्तीय सहायता के माध्यम से नवाचार और कृषि उद्यमिता को मजबूत और प्रोत्साहित कर रहा है।

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य वित्तीय सहायता प्रदान करके कृषि उद्यमिता और कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और कृषि संबद्ध गतिविधियों में उद्यम निर्माण के लिए नवाचारों और प्रौद्योगिकियों का दोहन करके ऊष्मायन पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करना है। आई.जी.के.वी. राबी के स्थापना के बाद से अब तक कुल 189 कृषि स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया है, जिनमें से 76 स्टार्टअप्स को 7.79 करोड़ रूपये का सरकारी अनुदान प्राप्त हुआ है। इस परियोजना के तहत केन्द्र द्वारा कृषि व्यवसाय ऊष्मायन कार्यक्रम के तहत स्टार्टअप्स ने 750 से अधिक नवीन उत्पादों का विकास किया है और 40 हजार से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान की है।

इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स ने अपने इनोवेशन के लिए 40$ आईपी के लिए आवेदन किया है। पिछले कुछ वर्षाें में इन अनुशंसित स्टार्टअप्स का संचयी राजस्व बढ़कर 32 करोड़ रूपए से अधिक हो गया है। इन स्टार्टअप्स ने अपने अभिनव उत्पादों के माध्यम से 50 हजार से अधिक किसानों के जीवन को प्रभावित किया है और 750 से अधिक जनशक्ति का प्रत्यक्ष रोजगार और 4 हजार से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किया है।

आई.जी.के.वी. राबी, रायपुर और स्टार्टअप्स को विभिन्न राज्य और राष्ट्रीय स्तर के प्लेटफार्माें पर 40 से अधिक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। आई.जी.के.वी. राबी देश भर के कृषि विश्वविद्यालयों और आई.आई.एम. जैसे राष्ट्रीय संस्थानों के बीच एक प्रमुख कृषि व्यवसाय इनक्यूबेटर है, जिसे वर्ष 2022 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बेस्ट इनक्यूबेशन लैब के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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