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चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के कारण गुजरात के एक हजार घरों में बजली नहीं, पेड़ भी उखड़े, मकान क्षतिग्रस्त…

अहमदाबाद। बिपारजॉय का बंगाली भाषा में अर्थ है आपदा. इस चक्रवात के कारण 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ गए और समुद्र का पानी निचले इलाके के गांवों में भर गया.उन्होंने बताया कि चक्रवाती तूफान के जखौ बंदरगाह के निकट पहुंचने की प्रक्रिया बृहस्पतिवार शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई और देर रात दो बजकर 30मिनट तक चली. इस दौरान पूरे कच्छ जिले में भारी बारिश हुई.राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि चक्रवाती तूफान बिपारजॉय से अभी तक किसी के जान जाने की सूचना नहीं है. यह राज्य के लिए सबसे अधिक राहत की बात है. यह हमारे सम्मलित प्रयासों से संभव हो सका.

चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश होने से गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी तबाही हुई है. तूफान से बिजली के 5,120 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए और 4,600 गावों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई.अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि 3,580 गावों में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गई है वहीं 1,000 से अधिक गांवों में अब भी बिजली नहीं है.उन्होंने बताया कि कम से कम 600 पेड़ उखड़ गए हैं और राज्य के तीन राजमार्गों में टूट-फूट तथा पेड़ गिरने से यातायात बंद हो गया है. चक्रवाती तूफान से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 23 लोग घायल हो गए हैं, कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है.तेज बारिश के बीच भावनगर में बृहस्पतिवार को एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय एक व्यक्ति और उसके बेटे की मौत हो गई, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा चूंकि जिले में चक्रवाती तूफान का असर नहीं था इसलिए इन मौतों की गणना चक्रवात से जुड़ी घटनाओं में नहीं की गई. उन्होंने बताया कि च्रकवात से राज्य बिजली प्रतिष्ठान -पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा है. बिजली कंपनी के 5,120 खंभे क्षतिग्रस्त हुए हैं उनकी मरम्मत की जा रही है. 4,600 गावों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी लेकिन 3,580 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर ली गई है.

पांडे ने कहा कि शेष गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल करने का काम चल रहा है, लेकिन खराब मौसम से कार्य में बाधा आ रही है. उन्होंने कहा कि टूट फूट और पेड़ गिरने के करण तीन राज्य राजमार्गों को बंद कर दिया गया. रिपोर्ट के अनुसार कुल 581 पेड़ उखड़ गए हैं. नौ पक्के और 20 कच्चे घर टूट गए हैं, वहीं दो पक्के और 474 कच्चे घरों को आंशिक नुकसान हुआ है. अधिकारी ने कहा कि 65 झोपड़ियां नष्ट हो गईं हैं, सरकार चक्रवात में जिन लोगों को नुकसान पहुंचा है उन्हें क्षतिपूर्ति देने के लिए आदेश तैयार कर रही है.

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक अतुल करवाल ने शुक्रवार को दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि गुजरात में चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के आने के बाद किसी की जान नहीं गई है. हालांकि 23 लोग विभिन्न घटनाओं में घायल हुए हैं और राज्य के कम से कम 1,000 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है.एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि राज्य के कम से कम एक हजार गांव बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. इनमें 40 प्रतिशत बिजली संकट अकेले कच्छ जिले में है.राजकोट के अलावा गुजरात में कहीं भारी बारिश नहीं हो रही है.

राहत तथा बचाव कार्य के लिए गुजरात में एनडीआरएफ की 18 टीम पेड़ काटने वाली मशीनों तथा नौकाओं के साथ तैनात हैं.उन्होंने कहा कि चक्रवात से पैदा किसी भी हालात से निपटने के लिए मुंबई में पांच तथा कर्नाटक में चार टीम तैनात हैं.गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने के कुछ घंटों बाद चक्रवात की तीव्रता कम होकर ‘बेहद गंभीर’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गई. चक्रवात उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने के साथ कमजोर पड़ गया है. शाम तक यह दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा. चक्रवात अब दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ रहा है तथा एनडीआरएफ ने राज्य सरकार से विचार विमर्श करके एक टीम जलोर में पहले ही तैनात कर दी है क्योंकि भारी बारिश से बाढ़ आने और लोगों के फंसने का खतरा है.

 

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