बिलासपुर

धरमलाल कौशिक ने कहा- पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम बदलना राजनीतिक अशिष्टता

बिलासपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपाई के हाथों से प्रारंभ हुई कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का नाम बदल दिया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सोच थी कि छत्तीसगढ़ के आमजन का समग्र विकास हो। इसलिए उन्होंने हमारी भावनाओं के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण अहम भूमिका का निर्वहन किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार केवल संस्थाओं व हमारी सरकार के समय से संचालित योजनाओं का राजनैतिक दुर्भावना से बदल रही है। कौशिक ने कहा कि राजनीतिक विद्वेषवश नाम बदलने की परिपाटी निंदनीय है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस तरह 15 वर्ष सत्ता में रहने के दौरान भाजपा अगर नेहरू परिवार के लोगों के नाम पर स्थापित संस्थानों के नाम बदल देती तो कांग्रेस को कैसा लगता?

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि इससे पहले भी हमारे मनीषी दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर स्थापित संस्थाओं का नाम भी उनकी पुण्यतिथि के दिन ही बदल देने का दुराग्रह दिखाया था सरकार ने। यह राजनीतिक अशिष्टता है। उन्होंने कहा कि अभी प्राथमिकता में कोरोना जैसे घोषित महामारी से निपटने की चुनौती सामने है। ऐसे में प्रदेश शासन अपना समय ऐसे विषयों में बर्बाद कर रही है इससे पता चलता है कि प्रदेश शासन अगंभीर है। उन्होंने कहा कि पुरानी संस्थाओं पर भड़ास निकालने के बजाय नए संस्थानों का निर्माण प्रदेश के महापुरुषों के नाम रखना चाहिए।

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