एनआइए का बड़ा खुलासा, खुद का एप बनाकर कर रहे थे संवाद, भोपाल में पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क …
भोपाल। जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इन आतंकियों द्वारा जिस खास एप का उपयोग देश में फैले स्लीपर सेल से लेकर नेपाल तक सम्पर्क में किया जा रहा था, वह इन आतंकियों ने खुद कोडिंग करके तैयार किया था, ताकि एजेंसियां इन्हें आसानी से ट्रैक नहीं कर पाएं। इस खुलासे के बाद एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं और निगरानी के अपने तरीकों को अपडेट करने में जुटी हुई हैं। जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के आरोपी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से गिरफ्तार सात अगस्त को गिरफ्तार किए गए थे।
एनआइए ने सात अगस्त को भोपाल के ईंटखेड़ी से दो आतंकियों हमीदुल्ला उर्फ राजू गाजी एवं मोहम्मद शहादत हुसैन को गिरफ्तार किया था। जेएमबी माड्यूल के यह आतंकी इस संगठन से जुड़े अन्य आतंकियों को रुपए और संसाधनों की मदद उपलब्ध कराने में लगे हुए थे। आतंकियों से जब्त किए गए मोबाइल, लैपटाप सहित अन्य उपकरणों की जांच में पता चला कि ये आतंकी एक-दूसरे से संपर्क के लिए विशेष एप का इस्तेमाल कर रहे थे। इंटरनेट के माध्यम से कोडिंग सीखकर उन्होंने खुद का एप बना लिया और उसी से यह एक-दूसरे से संपर्क में रहते थे।
एजेंसियों के लिए सबसे सरल एंड्राइड मोबाइल को ट्रैक करना होता है। इससे बचने के लिए वे सामान्य बातचीत के लिए कीपैड वाले मोबाइल का उपयोग करते हैं। इसके अलावा कुछ सिम आम आदमियों की पहचान पत्र जुगाड़कर या फर्जी तरीके से खरीद लेते हैं अथवा ब्लू स्टैग जैसी बेवसाइट के उपयोग से वर्चुअल नम्बर हासिल कर लेते हैं।