मध्य प्रदेश

160 साल के इतिहास में नई पहल, सिंधिया राजघराने के पैलेस में लक्ष्मीबाई की एंट्री, ज्योतिरादित्य ने इतिहास बदलने की कोशिश …

भोपाल/ग्वालियर। ग्वालियर के इतिहास में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। 160 साल बाद सिंधिया राजघराने के महल जय विलास पैलेस में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को एंट्री मिली है। महारानी लक्ष्मीबाई की जयविलास पैलेस में एंट्री हुई है. 1857 की क्रांति की नायिका रहीं रानी लक्ष्मीबाई के नाम से सिंधिया परिवार की 160 साल तक दूरियां रहीं. सिंधिया के महल की मराठा गैलरी में वीरांगना लक्ष्मीबाई की शौर्य गाथा भी दिखेगी. जयविलास पैलेस में तैयार मराठाओं के शौर्य को दर्शाने वाली ‘गाथा स्वराज की’ में रानी लक्ष्मीबाई सहित देश के 300 मराठा राजाओं के शौर्य को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी लगायी गयी है। इस गैलरी का केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने लोकार्पण किया।

ये गैलरी देश भर में राज करने वाले 300 मराठा शासकों के इतिहास और शौर्यगाथा को बयान करेगी, जिसमें मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर देश के प्रमुख मराठा शासक सिंधिया, गायकवाड़, होल्कर, नेवालकर, भौंसले और पंवार जैसे 30 मराठा राजघरानों की जानकारी दर्ज की गई है। उस समय इन मराठा शासकों ने मुगलों से जमकर मुकाबला करते हुए लोहा लिया था और कई स्थानों पर उन्हें परास्त भी किया था. इसी में झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई और उनके परिवार का गौरवशाली इतिहास भी शामिल है। प्रदर्शनी में सिंधिया रियासत की महारानी रहीं वैजाबाई से लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया तक के सुन्दर और भावनात्मक पोट्रेट लगाए गए हैं।

बता दें की सिंधिया शासकों पर 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मी बाई को धोखा देने के आरोप लगते रहे हैं। इसी के चलते सिंधिया राजवंश पिछले 160 साल से झांसी की रानी के नाम से दूरी बनाकर रखे हुए था। जिसे अब सिंधिया राजवंश के मुखिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जाकर समाप्त करने का प्रयास किया है। उन्होंने 160 साल की वर्जनाऐं तोड़ते हुए इस साल रानी लक्ष्मीबाई समाधि पर जाकर नमन किया और पुष्पांजलि दी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीपेजी के घर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर आशीर्वाद लेकर की थी. सिंधिया परिवार की नई पीढ़ी के ज्योतिरादित्य 1857 की क्रांति और तत्कालीन सिंधिया महाराजाओं के अंग्रेजों से संपर्क और उस क्रांति में उनकी भूमिका के आरोपों को बदलने में लगे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह कहते हुए इसकी पहल की कि महज एक कविता लिख देने से कोई इतिहास नहीं बदल जाता.

ग्वालियर के प्रसिद्ध जय विलास महल के म्यूजियम में भारतीय मराठा साम्राज्यों की सांस्कृतिक विरासत देखने को मिलेगी. जयविलास पैलेस के म्यूजियम की कमान कुछ साल पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे ने संभाली है. तब से इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप में कायाकल्प हो रहा है. जय विलास पैलेस में कई आयोजनों के बाद अब मराठा साम्राज्य के इतिहास और संस्कृति को सहेजने की कवायद हुई. प्रियदर्शिनी राजे ने मराठा गैलरी का तानाबाना बुना. उसके बाद अब ‘गाथा स्वराज की’ गैलरी तैयार हुई. इसे मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज और सिंधिया साम्राज्य के संस्थापक महादजी सिंधिया को समर्पित किया गया है.

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