छत्तीसगढ़बिलासपुर

गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आए दिन हंगामा, सीयू में नेताओं की दखल, रोज विवाद शिक्षक भी संगठन में, पढ़ाई पर असर …

बिलासपुर । गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कम और विपक्षी नेतागिरी ज्यादा हो गई है। शिक्षक, कर्मचारी से लेकर छात्र सभी पैनल और संगठन में शामिल होकर हर दिन नया हंगामा गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कर रहे हैं। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र पैनल और संगठन का नाम लेकर मारपीट कर रहे हैं। छात्रों को विपक्षी पैनल और संगठन में शामिल होने को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा है, इसमें शिक्षक भी शामिल हैं। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बीटेक सीएस विभाग, आईटी विभाग, कॉमर्स सहित अन्य विभागों के कई शिक्षक संगठन के पदों पर हैं। इसलिए अगर छात्र दोनों तरफ में किसी तरह नहीं होता है तो उसकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

अगर शामिल भी हो जा रहा है तो उसे हर दिन नए-नए कार्यक्रम कर उसमें बुलाया जा रहा है। इससे सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इच्छा लेकर आए छात्रों की उम्मीद टूटने लगी है। क्योंकि यूनिवर्सिटी में कक्षाएं भी नियमित नहीं लग रही हैं। कई कक्षाओं में स्मार्ट बोर्ड नहीं है।

कहीं शिफ्टिंग चल रही है तो कहीं पानी, बिजली, वाईफाई की समस्या से छात्र जूझ रहे हैं। अब तो यहां पढ़ाई छोड़ पैनल और संगठनों द्वारा मारपीट की जा रही है। इसमें छात्रों का साथ पूर्व छात्र नेता और शिक्षक दे रहे हैं। जो छात्र मारपीट में शामिल नहीं हो रहे हैं, उन्हें भी धमकी दी जा रही है। इन सभी में नेताओं को प्रश्रय यूनिवर्सिटी के अधिकारी भी दे रहे हैं। संगठन का निजी कार्यक्रम भी यूनिवर्सिटी में हो रहा है। जो लोग यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत नहीं हैं, वे भी यूनिवर्सिटी में नेतागिरी कर रहे हैं। पैनल और संगठन के पदाधिकारी पढ़ने वाले छात्रों का नाम एफआईआर में डाल दे रहे हैं।

सीयू के अधिकांश विभागों में कक्षाएं नहीं लग रही हैं। लॉ के छात्रों को पास स्मार्ट बोर्ड नहीं है। यूनिवर्सिटी के नए बिल्डिंग में इन्हें शिफ्ट किया गया है, पर यहां पानी की व्यवस्था ही नहीं है। वाईफाई और सीसी कैमरे भी नहीं लगे हैं। कंप्यूटर साइंस के लैब के अधिकांश कंप्यूटर खराब हैं। बस की सुविधा छात्रों को नहीं मिल रही है। 15 की जगह 2 ही ई-रिक्शा कैंपस में चल रहे हैं।

सेंट्रल यूनिवर्सिटी इस बार सीयूईटी में शामिल हुई। ज्यादा आवेदन आने को लेकर वाहवाही लूटी, लेकिन जब प्रवेश का समय आया तो सीटें खाली रह गईं। 3 से 4 राउंड की काउंसिलिंग कराकर किसी तरह कुछ सीटों में छात्रों का प्रवेश लिया, फिर भी कुछ विभागों की सीटें खाली रह गईं। प्रवेश खत्म होते ही यूनिवर्सिटी के शिक्षक छात्रों की आंतरिक परीक्षा लेने लगे हैं, जबकि अभी पढ़ाई भी शुरू नहीं हुई है।

Back to top button