मध्य प्रदेश

परिवहन विभाग ने मप्र मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 में किया बदलाव

वाहनों पर घटा टैक्स भार, यात्री बसों के लिए 200 रुपए प्रति सीट लगेगा टैक्स

भोपाल। विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यात्री बसों का टैक्स भार घटाकर परिवहन व्यय कम करने की कोशिश की है। परिवहन विभाग ने मप्र मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 में बदलाव कर नए टैक्स निर्धारित किए हैं। संशोधित शुल्क आगामी 19 जून के बाद पूरे राज्य में प्रभावशील होंगे। नए नियम के तहत वाहन बेचने वाले डीलरों को भी व्यापार प्रमाण-पत्र लेने पर अब स्लैब के अनुसार शुल्क देना होगा। इसके अलावा सरकारी वाहन पर उसकी आयु के हिसाब से लाइफ टाइम टैक्स लिया जाएगा।
इसके साथ ही परिवहन विभाग ने वाहनों के मानक मूल्य भी तय कर दिए हैं। भारत में निर्मित वाहन के मानक मूल्य में एक्स शोरूम मूल्य, जीएसटी एवं क्षतिपूर्ति उपकर भी शामिल रहेगा या डीलर द्वारा जारी वाहन के मूल्य का बीजक, इनमें से जो भी ज्यादा हो, मानक मूल्य रहेगा। विदेश से आयात कर भारत लाए वाहन के मानक मूल्य में सीमा शुल्क विभाग द्वारा दी लैंड वेल्यु जिसमें सभी कर शामिल हैं, सम्मिलित रहेगा। वाहनों पर टैक्स कम किए जाने पर अब देखना है कि वाहन संचालक यात्रियों को उसी अनुरूप रियायत देते हैं या वे इसका सिर्फ खुद ही फायदा उठाते हैं।

यात्री बस, स्कूल बस और माल वाहक वाहनों के लिए नए टैक्स तय

आल इंडिया परमिट वाली बसों जिनमें बैठक क्षमता 13 प्लस एक या अधिक है और निजी सेवा वाहन के रुप में अन्य राज्य से जारी अनुज्ञा पत्र पर प्रदेश में संचालित हो रही है, उन्हें 200 रुपये प्रति सीट टैक्स देना होगा। पहले यह टैक्स 700 रुपये प्रति सीट था। शैक्षणिक संस्था की बस अन्य राज्य से जारी अनुज्ञा पत्र पर प्रदेश में संचालित होने वाले वाहन पर अब टैक्स 12 रुपये प्रति सीट प्रति वर्ष होगा। इसके अलावा, 7500 किलोग्राम तक वाले माल वाहक वाहनों पर टैक्स उसके मानक मूल्य का आठ प्रतिशत होगा, जबकि 7500 किलोग्राम से अधिक के माल वाहक वाहनों पर टैक्स उसके मानक मूल्य का पांच प्रतिशत होगा, जोकि पहले सात प्रतिशत था।

डीलरों को स्लैब के अनुसार प्रतिवर्ष देना होगा शुल्क

वाहन बेचने वाले डीलरों को भी व्यापार प्रमाण-पत्र लेने पर अब स्लैब के अनुसार शुल्क देना होगा। पहले नगर निगम सीमा के अंदर मोटर साइकल के लिए 12 हजार रुपये एवं अन्य वाहनों 16 हजार रुपये एवं नगर निगम सीमा के बाहर क्रमश: आठ हजार एवं 10 हजार रुपये शुल्क लगता था। लेकिन अब स्लैव बनाकर इस शुल्क का निर्धारण कर दिया गया है।

इस प्रकार लगेगा वाहन शुल्क

♦  मोटर साइकल : 20 हजार रुपये
♦  दिव्यांगजनों के रुपांतरित वाहन : 500 रुपये
♦  हल्के मोटर वाहन : 30 हजार रुपये
♦  मध्यम यात्री वाहन : 40 हजार रुपये
♦  भारी यात्री वाहन/ भारी माल वाहक : 50 हजार रुपये
♦  ई-रिक्शा /ई कार्ट : पांच हजार रुपये
♦  अन्य श्रेणी के वाहन : 30 हजार रुपये

सरकारी वाहन पर उसकी आयु के हिसाब से लाइफ टाइम टैक्स

नीलामी में खरीदें सरकारी वाहन पर अब उसकी आयु के हिसाब से लाईफ टाईम टैक्स लिया जाएगा। पहले ऐसे सरकारी वाहन को नीलामी में खरीदने पर उसके पहले पंजीयन के समय के मूल्य पर लाईफ टाईम टैक्स देना पड़ता था। इसके अलावा अन्य राज्यों से प्रदेश में लाए गए पुराने वाहनों पर भी 80 प्रतिशत तक टैक्स लिया जाता था। इसमें बदलाव किया गया है। इसेक साथ ही सरकारी वाहन खरीदने पर 93 से 16 प्रतिशत तक टैक्स लगेगा।

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