नई दिल्ली

बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने पर अब तक कोई चर्चा नहीं….

बेंगलुरु । राज्य में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है। कर्नाटक के मंत्री जी परमेश्वर ने गुरुवार को कहा कि इस संबंध में दिए गए कोई भी बयान व्यक्तिगत हो सकता है।

जी परमेश्वर अपने कैबिनेट सहयोगी प्रियांक खड़गे के एक कथित बयान पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि अगर आरएसएस और बजरंग दल ने शांति भंग की तो सरकार उन्हें प्रतिबंधित कर देगी। उन्होंने इस पर कहा कि भी ऐसी कोई चर्चा नहीं की गई है।

मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि हमने इस बारे में कोई चर्चा नहीं की है, घोषणा पत्र में हमने बजरंग दल और पीएफआई के बारे में कहा था कि अगर वे शांति भंग करते हैं, तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जरूरत पड़ी तो उन्हें प्रतिबंधित करने की भी हद तक जा सकते हैं। इसके बजाय इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई है।

कर्नाटक के मंत्री ने कहा, “मीडिया के पूछने पर हो सकता है कि कई लोगों ने अपनी निजी राय साझा की हो, लेकिन इस सब पर चर्चा होनी है। जब स्थिति आएगी, तो सरकार चर्चा करेगी और निर्णय लेगी।” मालूम हो कि परमेश्वर उन आठ मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें 20 मई को सिद्धारमैया के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।

धर्मांतरण और गोहत्या विरोधी कानूनों को वापस लेने के सवाल पर, मंत्री ने कहा कि जो कुछ भी समाज के खिलाफ है, जो समाज में शांति को भंग करता है, और जो जनविरोधी है, चाहे वह कानून हो या नियम, उनकी समीक्षा की जाएगी। मंत्री ने कहा कि हमने कहा है कि हम एक जन-समर्थक सरकार देंगे। इसके लिए अगर हमारे पास कानून वापस लेने की स्थिति आती है, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।

मंत्री खड़गे ने बुधवार को कहा था कि पिछले भाजपा शासन के तहत लागू किए गए आदेश और कानून जैसे स्कूल पाठ्यपुस्तक संशोधन और धर्मांतरण विरोधी और गोहत्या विरोधी कानून, जो राज्य के हितों के खिलाफ हैं, नई कांग्रेस सरकार द्वारा संशोधित या वापस ले लिए जाएंगे।

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