Uncategorized

नौ साल पहले मिली ढाई करोड़ रुपए कीमती अष्टधातु की मूर्ति उत्तर प्रदेश के मालखाने से गायब …

कानपुर। भ्राजपा राज में भी उत्तर प्रदेश चोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। हालात ये है कि घर-दुकान तो छोड़िए राज्य के पुलिस थाने भी अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं। चोर पुलिस की आंखों से अब सूरमा चुराने लगे हैं। पुलिस की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। यहां नौ साल पहले बरामद की गई अष्टधातु मूर्ति पुलिस थाने के मालखाने से गायब हो गई। करोड़ों की मूर्ति के गायब होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एडीजे नौ अशीष कुमार चौरसिया ने पुलिस कमिश्नर से जांच कर 10 अक्तूबर तक रिपोर्ट मांगी है।

मामला बर्रा थाना क्षेत्र का है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अजय प्रकाश सिंह ने बताया कि पुलिस ने 2013 में चौबेपुर निवासी दिनेश कुमार व उसके साथी कमलकांत को मेहरबानसिंह का पुरवा से गिरफ्तार किया था। इनके पास से अष्टधातु की मूर्ति बरामद की गई। जिसकी कीमत ढाई करोड़ रुपये थे। कोर्ट में पेश हुए एसआई घनश्याम यादव के मूर्ति पेश नहीं करने पर कोर्ट ने गंभीरता लिया।

14 सितंबर को दी गई तारीख निकल जाने पर जज ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा। बर्रा थाना के हेड मुहर्रिर अशोक कुमार 18 अगस्त 2022 को बर्रा थाना प्रभारी निरीक्षक की ओर से आख्या दाखिल की थी। जानकारी दी गई कि यह मूर्ति मालखाना में यहां तैनात हेड कांस्टेबल बांके लाल वर्मा ने दाखिल की। 13 फरवरी 2014 को बांके बिहारी की मौत हो गई। माल व सरकारी संपत्ति का चार्ज थाने में तैनात रहे हेड कांस्टेल गिरीश चन्द यादव को दिया गया।

गिरीशचंद्र का ब्रेन हेमरेज से 27 जून 2018 को मौत हो गई। जांच प्रभारी निरीक्षक गोविंदनगर पुलिस को सौंपी गई। संदेह जताया गया कि माल खुर्द-बुर्द कर गायब कर दिया। न्यायाधीश ने टिप्पणी की है कि प्रथम दृष्टया लगता है कि थाना बर्रा से मूर्ति गायब की गई है। मूर्ति धर्म की आस्था से जुड़ी होने के बाद भी सुरक्षित न हो सकी। मालखाना का निरीक्षण थाना प्रभारी व अधिकारी करते हैं।

Back to top button