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हाईकोर्ट ने सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर लगाई रोक, नोटिस जारी कर शासन से मांगा जवाब, जानिए पूरा मामला…

बिलासपुर। दुर्ग जिले के ग्राम पंचायत बोरसी में सरपंच मंजू गजपाल ने अपने विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अधिवक्ता  के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका लगाई है. उच्च न्यायलय ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य शासन एवं अन्य को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने कहा है. पंचो द्वारा ग्राम पंचायत बोरसी की सरपंच के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की बैठक पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी गई है.

दुर्ग जिले के ग्राम पंचायत बोरसी में सरपंच मंजू गजपाल ने अपने विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर  सुनवाई उच्च न्यायलय की एकल पीठ न्यायमूर्ति पार्थ प्रीतम साहू की कोर्ट में हुई. इस मामले में हाईकोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव पर रोक लगाई है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने न्यायलय के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति व महिला वर्ग के लिए आरक्षित पद से सरपंच निर्वाचित हुई है. उक्त ग्राम पंचायत के निर्वाचित पंच शुरू से ही पंचायत की कार्यवाही में ना तो सहयोग कर रहे हैं और न ही सरपंच द्वारा बुलाई गई ग्राम पंचायत की बैठक में उपस्थित हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 में विर्निदिष्ट नियमो के अनुरूप अपने कर्तव्यो का पालन भी नहीं कर रहे हैं.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायलय द्वारा सुभाष देशाई बनाम प्रिंसिपल सेक्रेटरी गवर्नर ऑफ महाराष्ट्र एवं अन्य में पारित आदेश का हवाला देते हुए तर्क रखा कि याचिकाकर्ता द्वारा 25 अप्रैल 2022 को एक शिकायत प्रस्तुत की गई थी, जिसकी निष्पक्ष जांच करते हुए जांचकर्ता अधिकारी द्वारा 19 मई 2023 को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई एवं सरपंच द्वारा लगाए गए आरोप को सही पाया गया. जांच के बाद आज तक पंचांे के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है.

अधिवक्ता ने बताया, छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 36 (2) (सी) के प्रावधानों के अनुसार जो पंच लगातार ग्राम पंचायत की बैठक से अनुपस्थित रहते हैं उन्हें सक्षम प्राधिकारी द्वारा अयोग्य करार कर दिया जाता है, परंतु वर्तमान परिस्थिति में सक्षम अधिकारी द्वारा विगत एक वर्ष पूर्व एवं 03.05.2023 को सरपंच द्वारा प्रस्तुत शिकायत वा जांचकर्ता अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के उपरांत भी पंचों को अयोग्य करार देने की कार्यवाही नहीं की गई है. पंचों के विरुद्ध शिकायत भी लंबित है इसलिए उपरोक्त अविश्वास प्रस्ताव की बैठक को स्थगित किए जाने का आग्रह किया गया.

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