मध्य प्रदेश

राहुल गांधी और कमलनाथ को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले का संदिग्ध उज्जैन के नागदा से पकड़ाया

भोपाल/इंदौर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और कमलनाथ को बम से उड़ाने की धमकी के सनसनीखेज मामले के संदिग्ध को उज्जैन की नागदा पुलिस ने पकड़ लिया है। नागदा पुलिस की सूचना पर इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम उसे लेने नागदा भेजी जा रही है। क्राइम ब्रांच नागदा जाकर उसकी शिनाख्त करेगी कि वह आरोपी है या नहीं।

इंदौर के डीसीपी आरके सिंह के अनुसार आरोपी मूलत: रायबरेली उत्‍तर प्रदेश का निवासी है। उसे लोग इंदौर में प्‍यारा सिंह एवं उज्‍जैन और रतलाम में दयासिंह के नाम से पहचानते हैं, जबकि उसका असली नाम नरेन्‍द्र सिंह है। वहीं, नागदा थाना प्रभारी एससी शर्मा ने बताया कि इंदौर क्राइम ब्रांच ने उन्हें एक फोटो भेजा था और सूचना दी थी कि राहुल गांधी को धमकी देने वाले आरोपी का हुलिया यह है। फोटो के आधार पर उसकी तलाश की जा रही थी। गुरुवार को पुलिस को दोपहर 2 बजे सूचना मिली कि इस हुलिए वाला व्यक्ति नागदा में बाईपास पर एक होटल पर खाना खा रहा है। इस सूचना पर पुलिस उसे पकड़कर थाने ले आई है।

उल्‍लेखनीय है कि राहुल गांधी को बम से उड़ाने और कमलनाथ की हत्या की धमकी का पत्र मिलने के बाद पुलिस की जांच गुरुद्वारों के इर्द-गिर्द ठहर गई थी। शक था कि सेवादारों ने एक-दूसरे को फंसाने के लिए पत्र भेजा था। पुलिस 5 मोबाइलों की काल डिटेल और 50 संदेहियों से पूछताछ कर चुकी थी। जिस अमनदीप का वोटर आइडी कार्ड मिला था, उससे भी पूछताछ चल रही थी। डीसीपी आरके सिंह के मुताबिक, पत्र में ज्ञानसिंह का नाम और मोबाइल नंबर लिखे थे। विष्णुपुरी निवासी ज्ञानसिंह आटो रिक्शा चलाता है। इसके पहले वह भंवरकुआं स्थित गुरुद्वारा में सेवादार था। उसने एक अन्य सेवादार लालसिंह का नाम बताया, जिससे उसकी अनबन थी। लालसिंह को पकड़ा तो उसने पत्र से इन्कार किया, लेकिन जांच की दिशा मिल गई। इसके बाद चार टीमें इंदौर-उज्जैन के गुरुद्वारों में जांच करने पहुंच गईं। टावर चौराहा स्थित मिठाई दुकान पर भेजा गया पत्र उज्जैन से ही पोस्ट हुआ था।

पुलिस ने जिन नंबरों की काल डिटेल निकाली है, उसमें से एक नंबर करनाल (हरियाणा) के अमनदीप का है। लेटर के पीछे उसके वोटर आइडी कार्ड की फोटो कापी भी लगी हुई है। अमनदीप से करनाल की पुलिस पूछताछ कर रही है। उसकी एक साल की काल डिटेल में इंदौर की लोकेशन नहीं मिली है। डीसीपी के मुताबिक, अमनदीप का वोटर आइडी कार्ड पत्र के पीछे लगा हुआ था। अमनदीप टैक्सी चलाता है। इंदौर पुलिस की सूचना पर करनाल पुलिस ने पूछताछ की तो बताया कि पिछले साल अप्रैल में वह 200 ग्राम स्मैक के साथ गुना में गिरफ्तार हुआ था। उसके विरुद्ध दर्ज एनडीपीएस एक्ट का केस न्यायालय में लंबित है। डीसीपी के मुताबिक, उज्जैन पहुंची टीम पोस्ट आफिस और गुरुद्वारों में पूछताछ कर रही है। उन लोगों का डाटा एकत्र किया जा रहा है जिनका इंदौर के सेवादारों से संपर्क है।

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