मध्य प्रदेश

सफलता के लिए जिज्ञासा के साथ जिद होनी जरूरी : सीएम शिवराज सिंह

भोपाल मैनिट में साइंस फेस्टिवल में स्टूडेंट से बोले शिवराज- मन में जो आइडिया आए, उसे मरने मत दो, जमीन पर उतारने का प्रयास करो

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सफलता के लिए जिज्ञासा के साथ जिद होनी चाहिए। यदि जिद नहीं होगी, तो आप केवल विचार करते रह जाएंगे। सीएम ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने भी कहा है कि तुम केवल साधारण साढ़े तीन हाथ के हाड़-मांस के पुतले नहीं हो, तुम ईश्वर के अंश हो, अनंत शक्तियों के भंडार हो। बच्चों, यदि इस विचार के साथ आगे बढ़ोगे, तो तुम दुनिया का हर बड़ा काम कर सकोगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का दीप जलाकर शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल में आज से शुरू हुए इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल को संबोधित कर रहे थे। मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) में शुरु हुआ फेस्टिवल 24 जनवरी तक चलेगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने इसकी शुरूआत की। केन्द्रीय प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद, केन्द्रीय जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव डॉ. राजेश गोखले, पृथ्वी मंत्रालय के सचिव  एम. रविचंद्रन, विज्ञान भारती के महासचिव प्रो. सुधीर भदौरिया, महानिदेशक सी.एस.आई डॉ. एन. कलईसेल्वी और प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी निकुंज श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे। इस फेस्टिवल में 4 दिनों तक 15 क्षेत्रों में गतिविधियाँ होंगी, जिनमें विद्यार्थी, युवा वैज्ञानिक, स्टार्टअप से जुड़ी गतिविधियाँ प्रमुख हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनिट मध्यप्रदेश का गौरव है। मैनिट भारत की शान है। भारत की सोच ही वैज्ञानिक है। इनोवेटिव और साइंटिफिक सोच, ये भारत की संस्कृति, माटी और यहां की जड़ों में है। हजारों साल पहले से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत आगे है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिकों ने चमत्कार किया है। मैं पीएम मोदी जी का आभारी हूं। अगर वैक्सीन नहीं होती, तो आज आप सभी के मुंह पर मास्क होते। ये प्रधानमंत्री की जिज्ञासा और जिद का परिणाम और चमत्कार है कि आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का निर्माण हो रहा है। भारत के निर्माण में साइंस, टेक्नॉलोजी, इनोवेशन का महत्वपूर्ण रोल है। प्रधानमंत्री की सोच पूरी तरह साइंटिफिक है।

सीएम बोले- मन में आए आइडिया को मरने मत दो

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विज्ञान को टेक्नॉलोजी की जननी माना जाता है। विज्ञान की जननी जिज्ञासा है। रवींद्रनाथ टैगोर जी ने कहा था कि सभी ज्ञान और योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं। आपके मन में जानने की जिद नहीं है, तो आप केवल सोचकर रह जाओगो। जो सोचते हो, उसे धरती पर उतारने के लिए जिद की जरूरत होती है। मन में जो आइडिया आए, उसे जमीन पर उतारने का प्रयास करो। तुम्हारे साथ मध्यप्रदेश सरकार खड़ी है। इनोवेटिव आइडिया आए, तो मरने मत दो। व्यक्ति जैसा सोचता है, करता है, वैसा ही बन जाता है।

सीएम ने की घोषणा: भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर में भी स्टार्टअप पार्क बनाएंगे

एक जमाना था जब भारत के उपग्रह कोई और लॉन्च करता था। आज हम सिर्फ अपने उपग्रह लॉन्च नहीं कर रहे, बल्कि दुनिया के कई देशों के उपग्रह लॉन्च करने का चमत्कार कर रहे हैं। स्टार्टअप नीति में हमने तय किया है कि एक करोड़ रुपए तक की हम सहायता देंगे। इंदौर में हम स्टार्टअप पार्क बना रहे हैं। जरूरत पड़ी तो भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में भी बनाएंगे। वेंचर कैपिटल फंड से भी हम पैसा लगाएंगे।

आज शाम कैलाश खेर और कल प्रदेश के कलाकार देंगे परफॉर्मेंस

आठवां साइंस फेस्टिवल मैनिट में हो रहा है। प्रदेशभर के साइंस कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आईटीआई में स्टूडेंट्स वर्चुअली जुड़े। फेस्टिवल में आज शाम सिंगर कैलाश खेर भी प्रस्तुति देंगे। 22 जनवरी को मध्यप्रदेश के कलाकार और 23 जनवरी को इंडियन ओशन रॉक बैंड प्रस्तुतियां देंगे। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, विज्ञान भारती स्थानीय स्तर पर मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के कोऑर्डिनेशन से यह इवेंट हो रहा है।

सीएम ने एसी बंद कराए, बोले- जब जरूरत हो तभी बिजली खर्च करें

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब कॉलेज के प्रोग्राम हॉल पहुंचे, उस समय हॉल के सभी एसी चल रहे थे। यह देख उन्होंने सभी एसी बंद करा दिए। सीएम ने कहा कि सर्दी के दिन हैं। कोट-पैंट पहनकर सब आए हैं, उसमें ये एसी चलाने की क्या जरूरत है। हमारे प्रधानमंत्री जी ऊर्जा बचाने के पक्षधर हैं। इसके लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। इसलिए बिजली व्यर्थ न जलाएं, जब जरूरत हो तभी खर्च करो।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने विज्ञान महोत्सव में जारी न्यूज लेटर का विमोचन किया।

विज्ञान को जन-जन से जोड़ना कार्यक्रम का उद्देश्य

इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विज्ञान को जन-जन से जोड़ने के उद्देश्य से ही यह कार्यक्रम उत्सव के रूप में किया गया है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से ही वर्ष 2047 के भारत की तस्वीर निर्धारित होगी। हमें इस क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान के अध्ययन और शोध की व्यवस्था को सरल एवं तर्कसंगत बनाया है। इससे युवाओं के लिए नए अवसर सृजित हुए हैं और देश के विकास की गति तेज हुई है। मध्यप्रदेश में कृषि, बाँस तथा “वेस्ट-टू-वेल्थ” के क्षेत्र में गतिविधियों की बहुत अधिक संभावनाएँ हैं। केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. सिंह ने महोत्सव के लिए राज्य सरकार से मिले सहयोग और सुविधा के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार माना।

हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं

प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि प्रदेश की विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति-2022 के क्रियान्वयन से वैज्ञानिक शोध और नवाचार को गति तथा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिल रहा है। हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं। केन्द्रीय प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव वैज्ञानिक सोच, वैज्ञानिक व्यवहार और वैज्ञानिक जीवन जीने के तरीकों का उत्सव है। विज्ञान की अपनी निरंतरता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के वर्ष 2070 तक कार्बन नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सबको प्रयास करने होंगे। ग्रीन हाइड्रोजन, सेमी कंडक्टर और क्वांटम टेक्नालॉजी भविष्य के क्षेत्र हैं। प्रो. सूद ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जिम्मेदारी पूर्ण उपयोग के लिए भी सतर्क किया।

 

सीएम शिवराज सिंह और केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 8वां भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में लगी प्रदर्शनी एवं नवाचारों का अवलोकन किया।

विज्ञान देश के जन-जन में समाहित हो

विज्ञान भारती के महासचिव प्रो. सुधीर भदौरिया ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि विज्ञान देश के जन-जन में समाहित हो और देश को नई दृष्टि मिले। भारत की एक निश्चित विज्ञान परंपरा रही है। योग, आयुर्वेद से लेकर आर्किटेक्चर और एस्ट्रोनॉमी तक में हमें निरंतरता मिलती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प के अनुरूप देश वैज्ञानिक उपलब्धियों की दिशा में अग्रसर हो रहा है।

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