राजस्थान

Sawai Madhopur: स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में दूसरे दिन भी कई कार्यक्रम आयोजित

सवाई माधोपुर.

दशहरा मैदान से रामसिंहपुरा स्थित संग्रहालय तक मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया, जिसे कृषि मंत्री डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मैराथन दौड़ में कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने भी कलेक्टर एसपी व आमजन के साथ दौड़ लगाई और युवाओं की हौसला अफजाई की। मैराथन दौड़ के बाद रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें शहरवासियों ने बढ़-चढ़कर रक्तदान किया। इसके पश्चात दशहरा मैदान पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साथ ही इस सांस्कृतिक समारोह को सवाई माधोपुर उत्सव के समापन समारोह के रूप में भी मनाया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय की स्कूली प्रतिभाओं ने अपने हुनर का परिचय देते हुए कई अद्भुत प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर दो दिवस तक चलने वाले स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने वाले उत्कृष्ट प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मान से भी नवाजा गया। कार्यक्रम में कलेक्टर खुशाल सिंह एसपी हर्षवर्धन मौजूद रहे। सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय स्थित फूल उत्कृष्टता केंद्र में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत दो दिवसीय "विशिष्ट फसलों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण" विषय पर कृषक सेमीनार आयोजित की जा रही है। सेमिनार का शुभारंभ कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल द्वारा किया गया। सेमिनार के दौरान कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री ने कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा कृषक कल्याण संबंधी विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। किसानों को इन योजनाओं का जागरुक होकर लाभ लेना चाहिए। कृषक परम्परागत कृषि के स्थान पर कृषि की नवीनतम तकनीकों एवं नवाचारों को अपनाएं, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके।

किसान एक फसल पर निर्भर न रहे, वे खाद्यान्न के साथ-साथ बागवानी एवं फूल उत्पादन करें। उन्होंने कहा कि जैविक उत्पादन को बढ़ावा देकर इनकी पैकेजिंग और मार्केटिंग के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। सेमिनार के दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा विभिन्न सत्रों में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत जिले के किसानों को बागवानी, बागवानी फसलों में पोषक तत्वों का प्रबंधन, मसाला कृषि एवं जैविक कृषि की नवीनतम पद्धतियों, मधुमक्खी पालन के लाभ आदि के बारे में जानकारी दी गई।
इस दौरान किसानों को संरक्षित खेती, ऑर्गेनिक फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, प्लास्टिक मल्च की स्थापना व उद्यानिकी गतिविधियों, संरक्षित खेती, पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, प्लास्टिक मल्च द्वारा सब्जियों की खेती से किसानों की आय में वृद्धि करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही किसानों को परम्परागत कृषि के साथ-साथ रजनीगंधा, ग्लेडियोलस, गुलाब, गुलदाउदी आदि फूलों की खेती करने की तकनीक से अवगत करवाया गया।

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