मध्य प्रदेश

इंदौर में बावड़ी हादसे के बाद ढहाए गए बेलेश्वर मंदिर की जमीन पर रहवासियों ने किया हनुमान चालीसा पाठ

फिर से मंदिर बनाने के लिए बनी संघर्ष समिति, कल क्षेत्र के बाजार आधा दिन रहेंगे बंद, पैदल मार्च निकालकर कलेक्टर को देंगे ज्ञापन

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर इलाके के रहवासियों ने नगर निगम द्वारा ढहाए गए मंदिर का फिर से निर्माण करने को लेकर संघर्ष समिति बनाई है। गुरुवार सुबह यहां हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। संघर्ष समिति से जुड़े सभी रहवासियों ने मंदिर की जमीन पर तस्वीर रख हनुमान चालीसा का पाठ किया। ज्ञात हो, इंदौर के पटेल नगर स्थित बेलेश्वर मंदिर में रामनवमी के दिन हवन के दौरान मंदिर से लगी बावड़ी की छत ढहने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद इस मंदिर को प्रशासन ने जेसीबी से ढहा दिया था।
रहवासियों के अनुसार श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर (पटेल नगर) को इंदौर प्रशासन द्वारा षडयंत्रपूर्वक तोड़ने के विरोध में अफसरों और राजनेताओं को सद्बुद्धि देने के लिए यहां गुरुवार सुबह 9 बजे हनुमान जयंती पर रहवासियों द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। काफी संख्या में मंदिर प्रशासन से जुड़े लोग और रहवासी यहां पहुंचे थे। काफी देर बाद पुलिस को यहां भीड़ इकट्‌ठा होने की जानकारी लगी। जिसके बाद थाने से बल भेजा गया। पाठ होने के बाद पुलिसकर्मी वहां से चले गए। इसके बाद रहवासियों ने घोषणा की है कि शुक्रवार को सिंधी समाज के लोग यहां फिर से इकट्‌ठा होकर सुबह 10 बजे से कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च निकालेंगे। रहवासियों ने बताया कि वह यहां अपना विरोध दर्ज करेंगे और कलेक्टर महोदय को ज्ञापन देंगे। इस दौरान आसपास के रहवासियों से इकट्‌ठा होकर साथ चलने का अनुरोध भी किया जा रहा है। संघर्ष समिति से जुड़े गोपाल कोडवानी ने इस दौरान कहा कि कलेक्टर को ज्ञापन देने के साथ आधा दिन इलाके के सिंधी समाज और संघर्ष समिति से जुड़े लोग अपना व्यवसाय भी विरोध स्वरूप शुक्रवार को बंद रखेंगे। दोपहर बाद इसे वापस खोला जाएगा। जिसे लेकर व्यापारियों ने भी सहमति जाहिर की है।
बजरंग दल भी कर रहा मंदिर दोबारा बनाने की मांग
ज्ञात हो कि, बावड़ी हादसे के बाद मंदिर तोड़ने से बजरंग दल ने भी आक्रोश व्यक्त करते हुए घटनास्थल सहित शहर में कई जगह पर बजरंग दल द्वारा रहवासियों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया गया था। बजदंग दल द्वारा भी घटनास्थल पर दोबारा मंदिर बनाने की मांग की जा रही है।

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