राजस्थान

पीएम मोदी 25 जनवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति संग देखेंगे जयपुर के टूरिस्ट प्लेस

जयपुर
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के 25 जनवरी को जयपुर आयेंगे। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री कार्यालय में मैक्रॉन की प्रस्तावित यात्रा के मद्देनजर तैयारियों के लिए शुक्रवार को यहां उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक ली। शर्मा ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति के स्वागत की सभी तैयारियां समयबद्ध रूप से पूरी कर ली जाए। उन्होंने अधिकारियों को मैक्रॉन के आवास, सुरक्षा, परिवहन, खानपान, पर्यटन सहित सभी जरूरतों का विशेष ध्यान रखने के लिए दिशा-निर्देश दिए। शर्मा ने कहा कि मैक्रॉन के जयपुर हवाई अड्डे से लेकर आवास, पर्यटन स्थलों सहित सभी वीआईपी मार्गों पर आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाए, साथ ही विभिन्न स्थानों पर राजस्थान की कला एवं संस्कृति से सम्बंधित होर्डिंग्स् भी लगाए जाएं।

बीजेपी कार्यालय में तैयारियों की बैठक, भव्य स्वागत होगा
जयपुर में 3 दिन तक चली डीजीपी आईजी कॉन्फ्रेंस के सिर्फ 18 दिन बाद पीएम मोदी का फिर से जयपुर दौरे का कार्यक्रम बना है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पीएम मोदी के दौरे की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को बैठक हुई। बैठक में अलग अलग पदाधिकारियों को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई। प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि पिछली बार पीएम मोदी जब जयपुर आए थे, तब वे सरकारी कार्यक्रम शामिल होने आए थे। ऐसे में पार्टी पदाधिकारी स्वागत नहीं कर पाए थे, लेकिन 25 जनवरी को जयपुर आने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया जाएगा।

पर्यटन स्थल घूमने और रोड शो प्रस्तावित
बताया जा रहा है कि इस बार पीएम मोदी के जयपुर दौरे के दौरान वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ जयपुर के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे। शाम के समय जयपुर में रोड शो भी प्रस्तावित है। हालांकि पीएम मोदी के टूरिस्ट प्लेस विजिट और रोड का कार्यक्रम फाइनल नहीं हो पाया है, लेकिन पार्टी पदाधिकारियों की तरफ से तैयारियां की जा रही है।

पीएम मोदी ने ली थी 5 जनवरी को बीजेपी मुख्यालय में बैठक
डीजीपी आईजी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए जब पीएम मोदी 5 जनवरी को जयपुर आए थे। तब 5 जनवरी की शाम को पीएम मोदी ने बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में भाजपा के पदाधिकारियों, विधायकों और मंत्रियों की बैठक ली थी। बैठक में पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को नसीहत देते हुए राजनीति का पाठ भी पढाकर गए थे। इस बार फिर पीएम मोदी पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेंगे।

फ्रांस के साथ भारत का बढ़ रहा है घनिष्ठ रिश्ता
फ्रांस से भारत का रिश्ता लगातार प्रगाढ़ हो रहा है। अभी कुछ दिन पहले विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति के सलाहकार से भेंट और चर्चा की थी। भारत के सैन्य बेड़े में फ्रांस से आया लड़ाकू विमान राफेल दुश्मनों के दांत खट्टे कर रहा है। राफेल की रिपोर्ट के आधार पर ही भारत ने फ्रांस से 26 मरीन राफेल लड़ाकू विमान लेने की प्रक्रिया तेज कर दी है। यह विमान नौसेना के लिए आएंगे। नौसेना के बेड़े में फ्रांस की स्कार्पिन पनडुब्बी सेवाएं दे रही है। मिराज और जगुआर लड़ाकू विमान आज भी भारतीय वायुसेना की पसंद बना हुआ है। माना जा रहा है कि गणतंत्र दिवस समारोह के बाद भारत और फ्रांस दोनों रक्षा क्षेत्र में बड़ी घोषणा कर सकते हैं।

रणनीतिक मुद्दे पर भी अहम होगी फ्रांस के साथ द्विपक्षीय चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राष्ट्रपति मैक्रों की द्विपक्षीय वार्ता के बारे में अभी अधिक कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन, माना जा रहा है कि दोनों शिखर नेता वार्ता की मेज पर बैठेंगे। इस दौरान तमाम द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी। इस चर्चा में लाल सागर क्षेत्र में हूती विद्रोहियों के हमले से पैदा हुई चिंता प्रमुख हो सकती है। लाल सागर का क्षेत्र यूरोप के लिए व्यापारिक और कारोबारी रास्ता है। यहां की अस्थिरता तमाम देशों के लिए आर्थिक बोझ जैसी है। इसके कारण तमाम देशों के मालवाहक जहाजों को काफी लंबा रास्ता लेना पड़ सकता है। वैसे भी समुद्री सुरक्षा के मामले में फ्रांस का माल काफी बेहतर माना जाता है। उसके समुद्री क्षेत्र में निगरानी प्रणाली की भारतीय नौसेना भी प्रशंसक है। इसलिए तमाम नए रास्ते भी खुलने की संभावना है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने छोड़ा था भारत को अधर में
2024 चुनावी साल है। भारत ने इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को मेहमान के तौर पर आमंत्रित करने की योजना बनाई। जी-20 के शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने अपनी इच्छा को अमेरिका के साथ साझा किया। अनुकूलता मिलने के बाद यह प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन 2023 के उत्तरार्ध में अमेरिकी राष्ट्रपति के सचिवालय ने उनके मेहमान बनने में असमर्थता जताई। इसके बाद भारत ने अपने दोस्त और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से पहल शुरू की। कुछ दिन पहले मैंक्रों के सलाहकार इमैनुएल बोने भी भारत आए थे और विदेश मंत्री एस जयशंकर से तमाम मुद्दों पर चर्चा की थी।

 

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