मध्य प्रदेश

अब नीट की परीक्षा देने में होगी आसानी… उम्र के प्रावधान में भी संशोधन… जानिए एनएमसी के क्या हैं नए नियम

ज्यादा से ज्यादा छात्र नीट की परीक्षा दे पाएं, इसलिए 1 महीने की अवधि को बढ़ाया गया है

भोपाल/नई दिल्ली। 12वीं के बाद मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए अब न्यूनतम अंक की बाध्यता नहीं होगी। 12वीं में पासिंग परसेंटेज के आधार पर ही वे नीट में बैठ सकेंगे। नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) ने उम्र के प्रावधान में भी संशोधन कर एक महीने की अवधि बढ़ाई है। परीक्षा में शामिल होने के लिए 31 जनवरी तक छात्र की 17 साल की उम्र पूरी होनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा छात्र परीक्षा दे पाएं, इसलिए 1 महीने की अवधि को बढ़ाया गया है। मेडिकल में जगह मिलने के बाद छात्रों को अब अधिकतम 9 साल में एमबीबीएस की पढ़ाई खत्म करनी होगी।

कॉलेजों को भी करना होगा नियमों का पालन

कॉलेज अगर छात्र को काउंसलिंग के अलावा किसी अन्य तरीके से प्रवेश देती है तो कॉलेज को 1 करोड़ या पूरे पाठ्यक्रम के दौरान लिए जाने वाली फीस (जो भी अधिक हो) को बतौर जुर्माना भरना होगा। दूसरी बार ऐसी गलती होने पर दोगुना जुर्माना के साथ कॉलेज की ऐसी सीटों की दोगुनी संख्या में सीटें हटा दी जाएंगी।

छात्रों की रैंक समान होने पर क्या होगा?

अगर दो या उससे अधिक छात्रों की रैंक समान आती है तो भौतिक (फिजिक्स) के बाद रसायन (केमिस्ट्री) और जीव विज्ञान (बायो) में प्राप्त अंकों पर विचार किया जाएगा। अंक भी बराबर रहते हैं तो कंप्यूटर के जरिए ड्रॉ निकाल कर चयन होगा।

एम्स दिल्ली को मिल सकती है नेशनल एग्जिट टेस्ट की कमान!

नेशनल एग्जिट टेस्ट अगले वर्ष २०२४ में आयोजित किया जाएगा और इसे दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा कराए जाने की संभावना है। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस (एनबीईएमएस) के स्थान पर एम्स दिल्ली परीक्षा करा सकता है। हालांकि इस संबंध में अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। अभी तक एमबीबीएस के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं संबंधित कॉलेज कराता है, जबकि नीट-पीजी और फारेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) नेशनल बोर्ड एग्जामिनेशन (एनबीई) कराता है।

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