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चमत्कारी बाबा जोशी मठ आएं और वहां की समस्याएं दूर करें हम उनका फूलों से स्वागत करेंगे, जगतगुरु शंकराचार्य बोले- धर्मांतरण धर्म के लिए नहीं, राजनीति के कारण हो रहा है …

बिलासपुर । जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शनिवार को अल्प प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे थे। वे गुजराती समाज भवन टिकरापारा में सभी समाज के लोगों से मिले। धर्मसभा को संबोधित किया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने जोशी मठ में हो रहे भूस्खलन के बारे में बताते हुए कहा कि विशेषज्ञों की टीम खोज कर रही है कि ऐसा क्यों हो रहा है। साथ ही सभी ज्योतिषाचार्य से पूछा गया कि जोशी मठ बचेगा कि नहीं। सभी ने प्रश्न कुंडली बनाकर बताया कि देव आराधना किया जाए तो बच सकता है।

सभी ज्योतिषियों से पूछा गया कि वे इसे किस आधार पर बता रहे हैं, सभी ने शास्त्र बताया कि ये कहां लिखा है। इसके बाद उनके द्वारा बताए गए उपायों को किया जा रहा है। इससे वहां के लोगों को शांति मिल रही है। साथ ही डॉक्टरों की टीम भी लोगों को काउंसिलिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि अनुभव के आधार पर ये समझ आया है कि भूस्खलन दैवीय नहीं व्यक्तियों का कृत है।

वहां से दो कंपनियों के टनल निकल रहे हैं। इसके लिए वहां पत्थरों को तोड़ने ब्लास्ट किए जा रहे हैं। इस कारण भूस्खलन हो रहा है। इसके बाद उन्होंने चमत्कारी बाबाओं के बारे में कहा कि अगर ऐसा कोई बाबा है जो जोशी मठ के भूस्खलन को बंद कर दे तो उनका हम फूलों से स्वागत करेंगे। प्रणाम करें और पलकों को बिछा कर विदा करेंगे। उन्होंने कहा कि सारे देश की जनता चमत्कार चाहती है, पर हम उसे ही मानेंगे जो जनता के हित में हो। ऐसे चमत्कार का हम स्वागत करते हैं, वरना हम इसे छलावा मानते हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में अधिकांश बाबा लाइजनर का काम कर रहे हैं। हम ऐसे नहीं है। मैं कभी भी ऐसा नहीं करुंगा।

उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि धर्मांतरण छत्तीसगढ़ में हो या देशभर में। यह धर्म के लिए नहीं, राजनीति के लिए हो रहा है। जो लोग धर्मांतरण करा रहे हैं, वे अपने धर्म की संख्या बढ़ाना चाह रहे हैं। वहीं जो इसका विरोध कर रहे हैं, वे भी इसका राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं। धर्मांतरण कराना या रोकना दोनों राजनीतिक मामला है। उन्होंने वेदों के बारे में कहा कि जो वेदांग नहीं पढ़ेगा, वे वेद नहीं समझ पाएंगे। वेदांग में सबसे मुख्य व्याकरण है। इसके बिना आप वेद को समझ नहीं पाएंगे।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई मुस्लिम व हिंदू एक साथ लड़े। सभी को अंग्रेजों के भागने का उद्देश्य था। 75 साल पहले मो. अली जिन्ना ने कहा कि था कि हम अपना अलग देश बनाएंगे। सभी मुसलमान वहां रहेंगे और सुख उठाएंगे।

भारत से उन्हें अलग भूखंड दे दिया गया। उन्होंने अलग देश भी बना लिया, पर सभी लोग वहां नहीं गए। यहां भी रह रहे हैं। ऐसे में जिस उद्देश्य से उन्हें अलग किया गया था, वो पूरा नहीं हो रहा है। ऐसे में पाकिस्तान को भारत में मिला देना चाहिए। अखंड भारत बना देना चाहिए। हम ये नहीं कह रहे हैं कि मुसलमान यहां से चले जाएं।

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