लखनऊ/उत्तरप्रदेश

‘मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह’अयोध्या में बनेगी, कॉलेज, फ्री कैंसर अस्पताल, समेत होंगी कई सुविधाएं….

6 दिसंबर 1922 को बाबरी मस्जिद ढहा दिया गया था. इसके बाद पूरे देश में दंगे हुए. बताया जाता है कि इन दंगों में करीब 2 हजार लोग मारे गए थे. वहीं 2019 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मस्जिद को इस तरह से ढहाना गैरकानूनी था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 2.77 एकड़ कि विवादित जमीन को लेकर रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया था.

अयोध्या में एक ओर भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में अब एक ही दिन का समय बाकि रह गया है, वहीं दूसरी ओर अयोध्या के पास में ही एक बेहद शानदार मस्जिद भी बनाने की तैयारी चल रही है. इस मस्जिद को लेकर यहां तक दावा किया है कि ये दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत होने वाली है. हालांकि, अभी तक मस्जिद का काम शुरू नहीं हुआ है.

साल 2019 में अयोध्या की विवादित भूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में मस्जिद निर्माण के लिए भी भूमि देने की बात कही थी. इसके बाद मस्जिद के लिए अयोध्या शहर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर धन्नीपुर नाम के गांव में पांच एकड़ की जमीन दी गई थी. वक्फ बोर्ड ने मस्जिद निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाया था जिसका नाम ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ (IICF) है. हालांकि इस पर अभी मस्जिद का निर्माण शुरू नहीं किया गया है.

मस्जिद के डेवलपमेंट कमिटी के चेयरमैन और बीजेपी नेता हाजी अराफत शेख ने बताया ‘मस्जिद का नाम ‘मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह’ है. ‘मस्जिद का जो मोहम्मद नाम है, इससे यहां बरकत आएगी. यहां नूर की बारिश होगी और ये खूबसूरत इमारत काफी अद्भुत होगी. इस इमारत की सबसे खास बात ये है कि यहां इस्लाम की पांच बुनियादी बातों पर पांच मीनारें बनाई जाएंगी. अयोध्या में पहली ऐसी मस्जिद बनेगी, जिसकी पांच मीनारें होंगी.’

हाजी अराफत शेख जानकारी देते हुए बताया कि, ‘इस्लाम की पांच बुनियाद कलमा, नमाज, रोजा, जकात और हज हैं. ये मस्जिद इस्लाम का झंडा बुलंद करेगी. यहां एक ऐसा फव्वारा लगाया जाएगा, जिसमें अजान होते ही पानी उछलने लगेगा. फजर की नमाज के वक्त सूरज उगने के साथ ही मस्जिद की लाइट बंद होना शुरू हो जाएगी, जबकि मगरिब की नमाज के समय सूरज डूबने के साथ ही लाइट जलने लगेगी. यहां एक वेज किचन बन रहा है, जहां अगर हिंदू व्यक्ति भी जाएगा तो वह पेट भरकर खाना खाएगा.’

कहा जा रहा है कि इस मस्जिद में सबसे बड़ी कुरान भी रखी जाने वाली है. इसके बारे में बताते हुए हाजी अराफात ने कहा, ‘एक अद्भुत कुरान तैयार हो रही है, जिसकी लंबाई 21 फीट है और 18-18 फीट की लंबाई पर वह खुलेगी. इस कुरान को केसरी रंग का बनाया जा रहा है. ये ही एक विशिष्ट बात होगी. कुरान के तैयार होने पर इसे मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह में रखा जाएगा.’

हाजी अराफत शेख ने बताया कि, अयोध्या के धनीपुर में बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर है.’ धनीपुर अयोध्या जिले में मौजूद एक गांव है, जहां सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में अपने फैसले के तहत मस्जिद बनाने के लिए जमीन अलॉट किया था.

मस्जिद के साइज की जानकारी देते हुए हाजी अराफात ने बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट से पांच एकड़ जमीन हमें मिली है. हमने छह एकड़ जमीन की पहल की है, क्योंकि यहां काफी बडे़ प्रोजेक्ट पर काम होना है. यहां पर कैंसर अस्पताल, लॉ कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, डेंटल कॉलेज और आर्किटेक्चर कॉलेज बन रहा है. इसके अलावा यहां पर इंटरनेशनल स्कूल भी बनने वाला है.’

मस्जिद और बाकी चीजों के तैयार होने को लेकर पूछे गए सवाल पर हाजी अराफात ने बताया, ‘आर्किटेक्ट अभी काम कर रहे हैं. सारी परमिशन ली जा रही हैं. हमें उम्मीद है कि फास्ट ट्रैक के ऊपर हमें सभी मंजूरी मिल जाएंगी. हम लोग सरकार से कोई मदद नहीं चाहते हैं. सभी टैक्स भरकर हम काम कर रहे हैं. हम बस सरकार से चाहते हैं कि हमें हमारे प्रोजेक्ट्स के लिए जल्द से जल्द मंजूरी मिल जाए.’ उनकी तरफ से कोई फाइनल तारीख नहीं बताई गई है.

मस्जिद निर्माण में हो रही देरी को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी वक्फ बोर्ड पर नाराजगी भी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि, उन्हें खुशी है कि राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है लेकिन मस्जिद का सिर्फ नक्शा दिखाकर काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि बाबरी का मुद्दा खत्म हो गया है, अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक जल्द मस्जिद का भी निर्माण होना चाहिए.

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