मध्य प्रदेश

कमलनाथ का ऐलान : कांग्रेस सरकार आने पर तेंदूपत्ता संग्रहण पर देंगे चार हजार रुपए

मप्र कांग्रेस वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के सम्मेलन में बोले- भाजपा सरकार में आदिवासी-वनवासी भाइयों पर हो रहा अत्याचार

भोपाल। आदिवासी, वनवासी भाईयों को लघुवनोपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस सरकार आने पर इस वर्ग का पूरा ध्यान रखा जायेगा। वर्तमान में लघु वनोपज जैसे महुआ, हर्रा, आंवला, बहेरा, तेंदूपत्ता एवं चिरोंजी आदि के ओला-पाला या अतिवृष्टि से हानि होने पर हितग्राहियों को सरकार ने कोई मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं किया है। कांग्रेस की सरकार बनने पर आरबीसी में उपरोक्त प्रावधान किया जायेगा। तेदूंपत्ता की जो संग्रहण राशि भाजपा सरकार दे रही है वह बहुत कम है, उसे बढ़ाकर 4000 रूपये किया जायेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को मप्र कांग्रेस वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के एक दिवसीय सम्मेलन में यह बातें कहीं।

वर्तमान में रसायनविहीन दवाईयों का प्रचलन बढ़ा है, जिससे वनोपज से तैयार होने वाली जड़ी बूटियों से तैयार होने वाली दवाईयों का उपयोग बढ़ेेगा और उससे वनों में रहने वाले लोगों का महत्व बढ़ेेगा। पर्यावरण को बचाना बहुत बड़ी चिंता का विषय है। उद्योगपतियों द्वारा सोलर से हम उर्जा का निर्माण तो किया जा सकता है, लेकिन उसका स्टोरेज कैसे करेंगे, यह संभव नहीं। साथ ही कहा कि हाईड्रल पॉवर के लिए बांधों का निर्माण तो किया जा सकता है, लेकिन डूब में आने वाली किसानों की जमीन की भरपाई कैसे होगी। मप्र कांग्रेस वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. एसपीएस तिवारी (सेवानिवृत्त आईएफएस) ने सम्मेलन के दौरान 10 बिंदुओं का एक ज्ञापन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपा, जिसमें पर्यावरण को बचाने, वन विभाग में कार्यरत वन रक्षक से लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी के हितों की रक्षा और उनकी विभिन्न मांगों की पूरा करने की मांग की गई। कमलनाथ ने उनकी मांगों को कांग्रेस सरकार बनने पर पूरा किया जाने का आश्वासन दिया।

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