बालाघाट में शिवराज सरकार पर जमकर बरसे पूर्व सीएम कमलनाथ : बोले- प्रदेश में हर क्षेत्र में व्यवस्थाएं खस्ताहाल हो गईं
कहा- भाजपा ने प्रदेश को महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, घोटाले और माफियावाद दिया
भोपाल। मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है। इसी के चलते गुरुवार को बालाघाट जिले के परसवाड़ा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर क्षेत्र में व्यवस्थाएं खस्ताहाल हो चुकी हैं। बड़े-बड़े घोटाले उजागर हुए हैं। शिवराज सिंह ने प्रदेश को महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, घोटाले और माफियावाद दिया। हाल ही में पेसा कोऑर्डिनेटर भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने प्रदेश को लज्जित किया और आदिवासी वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ।
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि 18 साल की भाजपा सरकार में बालाघाट जिले की स्थिति देखकर बहुत दु:ख होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर धान का भाव बढ़ाएंगे। उन्होंने जनता से सच्चाई का साथ देने की बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा के 28 सांसद फिलहाल छिपते फिर रहे हैं, क्योंकि सरकार ने चार साल में कोई कार्य नहीं किया, अब जनता उनसे पूछ रही है, जिसका वे जवाब नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार द्वारा निकाली गई विकास यात्राओं का प्रदेश में 160 जगह विरोध हुआ। जनता ने भाजपा और उनके जनप्रतिनिधियों की पोल खोलकर रख दी।
चुनाव से पहले अपने पाप धोने के लिए कर रहे घोषणाएं
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी प्रलोभन देकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उसे 18 वर्षों तक बहनों की याद नहीं आई, किसानों की परेशानियां और बेरोजगारी याद नहीं आई। अब चुनाव के पहले अपने पाप धोने के लिए तरह-तरह की घोषणाएं की जा रही हैं। हमारा संगठन लगातार जनता के संपर्क में बना हुआ है और आज प्रदेश की समझदार जनता इस बात को समझ चुकी है कि विगत वर्षों में उनके साथ कितना बड़ा धोखा किया गया है।
आदिवासियों पर बढ़ रहे अत्याचार, हो रहा छलावा
कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की नारी सम्मान योजना का प्रदेश भर में बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा। प्रदेश की जनता कांग्रेस पर विश्वास कर रही है और यही विश्वास इस चुनाव में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। शिवराज सरकार ने पेसा कानून में जो नियम बनाए गए हैं, उनका क्रियान्वयन किस प्रकार किया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है। इस प्रकार के गोलमोल नियम बनाकर पेसा कानून को कमजोर करने का प्रयास किया गया है, आदिवासियों के साथ छलावा किया है। वहीं, प्रदेश में आए दिन आदिवासी भाई-बहनों के साथ अत्याचार हो रहे हैं। इसका खामियाजा बीजेपी को जरूर भुगतना पड़ेगा।