मध्य प्रदेश

सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल में आदिम जाति क्षेत्रीय विकास परियोजना के दफ्तर में आग लगी

जरूरी दस्तावेज और फर्नीचर जला, स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची आग की लपटें

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंत्रालय वल्लभ भवन के समीप स्थित सतपुड़ा भवन में सोमवार को सवा चार बजे भीषण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि सतपुड़ा भवन में भगदड़ और अफरा-तफरी मच गई। आग भवन की तीसरी मंजिल पर स्थित आदिम जाति क्षेत्रीय विकास परियोजना के कार्यालय से शुरू हुई, जो चौथी मंजिल पर स्वास्थ्य विभाग तक पहुंच गई। इसमें कई जरूरी दस्तावेज और फर्नीचर जलकर राख हो गए। हालांकि, आग से किसी जनहानि की अभी तक कोई सूचना नहीं है।

ज्ञात हो इस भवन में कई सरकारी विभागों के दफ्तर हैं। प्रायमरी तौर पर आग लगने का कारण एसी में ब्लास्ट बताया जा रहा है। जिस आदिम जाति क्षेत्रीय विकास परियोजना के कार्यालय में यह आग लगी है, उसे अभी एक साल पहले ही रिनोवेट कराया गया था। आग लगने के बाद इमारत में अफरा-तफरी मच गई। तीसरी, चौथी और पांचवीं मंजिल के कर्मचारी जैसे-तैसे दौड़ लगाकर बाहर निकल गए। जिन दो कार्यालयों में प्रारंभिक रूप से आग लगने की जानकारी सामने आई है, उनमें आदिम जाति क्षेत्रीय विकास परियोजना और स्वास्थ्य संचालनालय शामिल हैं। दोनों ही विभागों में महत्वपूर्ण दस्तावेज और फर्नीचर जलकर खाक हो गए।

सूचना पर पहुंची दमकल टीम को आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। शुरूआत में कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने आग बुझाने के प्रयास किए, लेकिन जब वे सफल नहीं हुए नाकाफी साबित हुए। इसके बाद भवन की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने दमकल को सूचना दी। आनन-फानन में आधा दर्जन दमकलों के साथ नगर निगम और पुलिस का अमला पहुंचा। तीसरी मंजिल पर आग लगी होने के कारण बुझाने में परेशानी आई। आग लगने के बाद पूरा सतपुड़ा भवन खाली करा लिया गया। हजारों की संख्या में कर्मचारी भवन के बाहर जमा हो गए। समीप ही स्थित मंत्रालय और विंध्याचल भवन से भी बड़ी संख्या में कर्मचारी सतपुड़ा भवन के बाहर खड़े हो गए।

पहले भी हो चुकी हैं सतपुड़ा, विंध्याचल में आग लगने की घटनाएं

सतपुड़ा भवन में आग लगने की एक अन्य घटना 14 दिसंबर 2018 को हुई थी। उस वक्त सतपुड़ा भवन में लगी आग में कई गोपनीय दस्तावेज भी जलकर खाक हो गए थे। इससे पहले भी इसी भवन में 25 जून 2012 को भी तीसरे माले पर आग लगी थी, जिसमें भी बड़ी मात्रा में महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए थे। जबकि विंध्याचल भवन में 28 नवंबर, 2013 की देर रात दूसरे माले पर स्थित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (विकास आयुक्त कार्यालय) में भीषण आग लग गई थी। आग स्थापना शाखा में लगी थी और दफ्तर के 40 कमरों में आग फैल गई थी। जिनमें से दो दर्जन कमरे पूरी तरह आग की चपेट में आ गए थे। उनमें बजट शाखा, स्थापना शाखा और विकास शाखा तो पूरी तरह जलकर राख हो गई थी। विंध्याचल के पांचवे माले में आग लगने की दूसरी घटना 5 अक्टूबर 2015 को कृषि संचालनालय में हुई थी। आगजनी में कृषि संचालनालय की बीज शाखा में रखीं विधानसभा के सवाल-जवाबों संबंधी फाइलें जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया। विंध्याचल भवन में दो साल में आगजनी की यह दूसरी घटना सामने आई थी। तब पूर्व कृषि संचालक डॉ. डीएन शर्मा के खिलाफ जांच संबंधी दस्तावेज भी आग में खाक हो गए थे।

सीएम ने ली जानकारी, दिए निर्देश

सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना की मुख्यमंत्री चौहान ने जानकारी ली और आग बुझाने की मॉनिटरिंग भी की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आग बुझाने की समुचित व्यवस्थाएं करें। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन ने नगर निगम के साथ आर्मी, आईओसीएल, बीपीसीएल, एयरपोर्ट, सीआईएसएफ, भेल, मंडीदीप और रायसेन से फायर ब्रिगेड कॉल कर बुलाई। फायर ब्रिगेड को लाने के लिए भोपाल में ट्रैफिक रूट भी क्लियर किया गया है। सीएमओ के अधिकारी लगातार जिला प्रशासन के साथ पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

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