मध्य प्रदेश

किसानों ने भरी हुंकार: आंदोलन में पहुंचे सीएम शिवराज, किसान नेता बोले- मंत्रियों और विधायकों को देंगे चूड़ियां

सीएम बोले- सरकार किसानों की है, किसान जो कहेंगे, हम सुनेंगे, समस्या का हल करेंगे

भोपाल। विधानसभा का 7 दिन का विशेष सत्र बुलाए जाने की प्रमुख मांग सहित अपनी 18 मांगों को लेकर प्रदेशभर के किसान भोपाल में आज महापंचायत के रूप में बड़ा आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांगों में खाद, बीज, मुआवजा, भावांतर, खाद समस्या समेत 18 बिंदू शामिल हैं। किसान अनाज और सब्जियों पर भावांतर योजना की मांग भी कर रहे हैं, ताकि उन्हें मंडियों में कम दाम न मिलें। इन मांगों में सबसे बड़ी मांग विधानसभा का 7 दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की है। किसान चाहते हैं कि इस विशेष सत्र में सिर्फ खेती-किसानी से जुड़े मुद्दे और समस्याओं पर ही चर्चा हो। दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी किसानों के बीच इस आंदोलन में पहुंचे।  उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की है। किसान जो कहेंगे, हम सुनेंगे, समस्या का हल करेंगे।

किसानों का कहना है कि कोरोना काल में जब सब-कुछ बंद था, तब भी किसान खेती कर रहे थे, ताकि देश में अन्न का संकट न हो। इसके बाद भी किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। अलग-अलग चीजों पर टैक्स लिया जा रहा है। किसान सम्मान निधि अच्छी पहल है, लेकिन इसमें वृद्धि नहीं हुई है। खाद का अनुदान कंपनियों को देने की जगह सीधे किसानों को खाते में दिया जाए।  महापंचायत में सरकार से अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को आपदा राहत कोष से तत्काल राशि के भुगतान, मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि में वृद्धि, देसी गाय के पालन पर 900 रुपये प्रतिमाह अनुदान देने, जले हुए ट्रांसफार्मर शीघ्र बदलने, राजस्व के लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए शिविर लगाने और मंडियों में कार्यरत महिला मजदूरों को हम्माल का दर्जा दिए जाने संबंधी मांग भी की।

सीएम के सामने ही किसानों ने बताए तीखे तेवर

इस दौरान किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमलसिंह आंजना ने कहा कि किसानों की समस्याओं के लिए राजनेता और अधिकारी दोनों जिम्मेदार हैं। अधिकारियों को ये नहीं पता कि आलू जमीन के नीचे लगता है या ऊपर। सरकार कलेक्टर, एसडीएम को गांवों में भेजे। कलेक्टर गांव में जब तक रुकेंगे नहीं, समस्या हल नहीं होगी। वहीं, भारतीय किसान संघ के मध्य भारत प्रांत संगठन मंत्री मनीष शर्मा ने मंच से सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार बस बोलती है, कुछ करती नहीं है। हम किसानों का पक्ष रख रहे हैं, किसी सरकार के विरोधी नहीं है। किसान संघ के आंदोलन की संयोजक गिरजभान ठाकुर ने कहा कि अगले आंदोलन में प्रदेशभर से महिलाएं भी जुटेंगी। सरकार के मंत्री और विधायकों को चूड़ियां सौंपी जाएंगी। संघ के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य नानजी आकले ने कहा- मैं जैसा समझता था वैसा मध्यप्रदेश का किसान सुखी नहीं है, दुखी है। ये दुर्भाग्य की बात है। ये दुर्भाग्य मध्यप्रदेश में शासनकर्ताओं की वजह से है। ये उनके निकम्मेपन का उदाहरण है। मध्यप्रदेश सरकार जिंदा है तो दिखाए। मंच पर सीएम के सामने ही किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनिमोहन मिश्रा ने कहा- सरकारी सिस्टम नहीं सुधरा तो तहसील ऑफिस का घेराव करेंगे।

किसानों के बीच पहुंचे सीएम, मंच से यह आश्वासन दिए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी किसान आंदोलन में दोपहर करीब 3 बजे पहुंचे। उन्होंने किसान संघ के मंच से किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आंदोलनों में कोई नहीं आता, लेकिन मैं आया हूं। आपकी समस्याएं सुनने के लिए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की है, किसान जो कहेंगे, हम सुनेंगे, समस्या का हल करेंगे। सरकार का कर्तव्य है कि किसानों को फसल की पूरी कीमत मिले, इसके लिए हम पूरी जी-जान लगा दें, कोई कसर बाकी न रहे। एक बात मैंने पहले ही कही है, एक सरकार बीच में 15 महीने के लिए, कई वादे करके आयी थी, जो पूरे नहीं हुए, इसलिए कई किसान डिफाल्टर हो गए। हमने फैसला किया है कि जो किसान डिफाल्टर हो गए थे, कर्ज माफी की घोषणा के कारण, उनके कर्जे का ब्याज हम माफ करेंगे, मतलब हम भरेंगे, ताकि किसान को दिक्कत ना हो।  सीएम ने कहा कि जरूरत होने पर किसानों की सहमति से ही जमीन अधिगृहित होगी। किसान पंप योजना का अनुदान अगले बजट में आ जाएगा। गन्ना किसानों का बकाया मिल मालिकों से वापस कराएंगे। जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द से जल्द बदला जाएगा।

सालों से खेती कर रहे लोगों को मिलेंगे पट्‌टे- शिवराज सिंह

सीएम ने किसानों से कहा कि नहरों की मरम्मत कर टेल एंड तक व्यवस्थित पानी पहुंचाया जाएगा। ओवरलोड ट्रांसफार्मर के साथ अतिरिक्त ट्रांसफार्मर रखने की व्यवस्था करेंगे। पीएम किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि योजना में बचे हुए किसानों के नाम जोड़े जाएंगे। साथ ही जमीन क्रय करने के बाद शीघ्र नामांतरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। खरीदी केंद्र पर तुलाई जल्दी पूरी करने के लिए बड़े तौल कांटे लगाए जाएंगे। राजस्व की भूमि पर सालों से खेती कर रहे लोगों को पट्टे देने का काम किया जाएगा।

प्रदेश भर से हजारों किसान शामिल हुए आंदोलन में

राजधानी भोपाल में एमवीएम परिसर में बनाए गए आंदोलन के मंच को फूलों के साथ टोकरियों में फल और सब्जियां रखकर सजाया गया है। भाकिसं के ‘किसान शक्ति शंखनाद, ग्राम सभा से विधानसभा’ के तहत हो इस महापंचायत में प्रदेशभर से हजारों किसान शामिल हुए हैं। इसे लेकर एमवीएम कॉलेज में बड़ा पंडाल बनाया गया है। जिला और तहसील स्तर से किसानों को जुटाने के लिए पिछले 4 महीने से तैयारियां चल रही थीं।

Back to top button