मध्य प्रदेश

आज भोपाल में किसानों की हुंकार: ‘किसान शक्ति शंखनाद, ग्राम सभा से विधानसभा’ आंदोलन में प्रदेशभर से जुटेंगे हजारों किसान

गांव से लेकर जिले तक के किसान जुट रहे, आंदोलन को लेकर किसानों की तैयारी बढ़ सकती है सरकार की टेंशन

किसानों की महापंचायत के लिए एमवीएम कॉलेज मैदान पर लगाया गया विशाल पंडाल।

भोपाल। भारतीय किसान संघ के आव्हान पर अपनी 18 मांगों को लेकर आज राजधानी भोपाल में प्रदेश के कोने-कोने से हजारों किसान इकट्‌ठे हो रहे हैं। ‘किसान शक्ति शंखनाद, ग्राम सभा से विधानसभा’ के तहत हो रहे इस आंदोलन के लिए एमवीएम कॉलेज मैदान पर विशाल पंडाल लगाया गया है। इस आंदोलन में गांव से लेकर जिले तक के किसान शामिल हो रहे हैं। इस आंदोलन के लिए संगठन द्वारा 3-4 महीने से गांव-गांव जाकर किसानों को एकजुट किया जा रहा था। आंदोलन को लेकर किसानों की तैयारी को देखकर सरकार टेंशन में हैं।

किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार लंबे समय से मांगों का निराकरण नहीं कर रही है। हमारी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। इसलिए अब सड़क पर उतरेंगे। किसानों की मांगों में खाद, बीज, मुआवजा, भावांतर, खाद समस्या समेत 18 बिंदू शामिल हैं। किसान अनाज और सब्जियों पर भावांतर योजना की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें मंडियों में कम दाम न मिलें। किसानों की मांगों में सबसे बड़ी मांग विधानसभा का 7 दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की है। किसान चाहते हैं कि इस विशेष सत्र में सिर्फ खेती-किसानी से जुड़े मुद्दे और समस्याओं पर ही चर्चा हो। दूसरी ओर किसान महापंचायत में शामिल होने बड़ी संख्या में भोपाल पहुंच रहे किसानों की संख्या के मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था के लिए आज राजधानी के कई रूट डायवर्ट किए गए हैं।

ये हैं किसानों की मांगें

–    खेती-किसानी से संबंधित विषयों पर चर्चा के लिए विधानसभा का 7 दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जाए।

–    वायरस या अफलन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भावांतर, मुआवजा दिया जाए।

–    डिफॉल्टर किसानों का ब्याज माफ कर उन्हें सोसाइटियों के जरिए खाद-बीज प्रदान किया जाए।

   मुख्यमंत्री कृषि पंप अनुदान योजना शीघ्र लागू की जाए।

–    मुख्यमंत्री सम्मान निधि की राशि 4 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए की जाए।

–    प्रदेश के सभी गोपालक किसानों को 900 रुपए प्रतिमाह दिया जाए।

–    राजस्व के प्रकरणों का पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर शीघ्र निराकरण किया जाए।

–    सभी वितरण केंद्र स्तर पर बिजली समस्या समाधान कैम्प लगाकर तत्काल किसानों की समस्याएं दूर की जाएं।

–    जमीन क्रय करने वाले व्यक्ति की रजिस्ट्री के बाद अधिकतम सात दिन के अंदर नामांकरण भी किया जाए, ताकि जालसाजी न हो सके।

–    मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना एवं बलराम तालाब योजना फिर से चालू की जाए।

–    प्रदेश की सभी नहरों की मरम्मत की जाए, ताकि समय पर किसानों को बेहतर तरीके से पानी मिल सके।

–    जंगली जानवरों एवं आवारा पशुओं से होने वाले किसानों के नुकसान की भरपाई की जाए।

–    जिन क्षेत्रों में कृषि भूमि की गाइड लाइन बहुत कम है, उसे बढ़ाया जाए और भूमि अधिग्रहण करते समय किसानों को गाइड लाइन का चार गुना मुआवजा दिया जाए। बहुत जरूरी होने पर ही उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण हो।

–    मंडियों में कार्यरत महिला मजदूरों को हम्माल का दर्जा दिया जाए।

–    प्रदेश के विकास प्राधिकरणों को भंग किया जाए, जिससे योजनाओं के नाम पर किसानों के साथ होने वाली लूट बंद हो सके।

–    मंडियों में डोकोज टेस्टिंग मशीनें लगाई जाएं।

–    अनाज तौलने के लिए 10 टन के फ्लेट कांटे लगाए जाएं।

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