मध्य प्रदेश

बागेश्वर धाम प्रमुख को लेकर मचे घमासान के बीच अब विख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की भी एंट्री

पं. प्रदीप मिश्रा ने किया धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन: बोले- वे खुद को अकेला ना समझें, सनातन की राह में रोड़े मिलते हैं, एक-एक सनातनी बच्चा आपके साथ

पंडित प्रदीप मिश्रा, सीहोर वाले

भोपाल। बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर मचे घमासान के बीच अब विख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की भी एंट्री हो गई है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने विवादों में चल रहे बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन करने के साथ ही उन्हें एक सीख भी दी है। उन्होंने गुजरात के हलोल में चल रही अपनी कथा के दौरान मंगलवार को व्यास गादी से कहा कि संत, साधु, गुरु, ब्राह्मण, तपस्वी, साधक हो या उपासक, इनकी परीक्षा बहुत होती है। परीक्षा में घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि शास्त्री खुद को अकेला ना समझें, सनातन धर्म का एक-एक बच्चा आपके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा है।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, पीठाधीश्वर, बागेश्वर धाम, छतरपुर

ज्ञात हो कि, छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दावों को लेकर लड़ाई अब आस्था और अंधविश्वास की हो गई है। वर्तमान में विरोध और समर्थन दोनों ही मिल रहे हैं। दो दिन पहले जहां कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर तंज कसा था तो वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने उनका समर्थन किया। इसके बाद भाजपा के कई नेता और मंत्री भी बागेश्वर धाम प्रमुख के समर्थन में आगे आए। अब पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को समर्थन देने वाले लोगों की इसी कड़ी में सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा का नाम भी जुड़ गया है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने संत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को एक सीख दी है. पंडित मिश्रा ने कहा कि सनातनी कभी अकेला नहीं होता। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जो सनातन धर्म की ओर आगे बढ़ेगा, जो सनातन धर्म की ध्वजा लेकर आगे बढ़ेगा, उसकी परीक्षा हर जगह होगी। प्रत्येक जगह उसे परीक्षा देना पड़ेगा। वर्तमान में रामकथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जो सनातन धर्म की ध्वजा लेकर आगे बढ़ रहे हैं, उन पर भी सवाल उठ गए। सनातन की ओर बढ़ने वालों के रास्ते में रोड़े आते रहते हैं, लेकिन मैं धीरेंद्र शास्त्री से इतना ही कहना चाहूंगा कि सनातनी कभी अकेला नहीं होता। उसके साथ राम, कृष्ण और शिव भी होते हैं।

धीरेंद्र शास्त्री को यह पता होना चाहिए कि वे अकेले नहीं हैं : पं. प्रदीप मिश्रा

पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- धीरेंद्र शास्त्री को यह पता होना चाहिए कि वे अकेले नहीं हैं। भोलेनाथ, कुबेर भंडारी, राम, कृष्ण भी आपके साथ हैं। आप सनातन धर्म की ध्वजा लेकर आगे बढ़िए। उन्होंने लोगों से कहा कि जो भी सनातन को आगे बढ़ाए उसके साथ आपके कदम चलने चाहिए। पंडित मिश्रा ने कहा कि विघ्न तो मीराबाई के जीवन में भी आया, संत तुकाराम, नामदेव जी, कर्माबाई, चैतन्य महाप्रभु के जीवन में भी विघ्न आया। विघ्न वल्लभाचार्य जी के जीवन में भी आया। ऐसा कौन सा संत, साधु और तपस्वी है, जिसके जीवन में विघ्न नहीं आता। कष्ट आएगा ही।

पं. मिश्रा बोले- आप चिंता न करें भोलेनाथ का डमरू जरूर बजेगा

लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की अपनी स्टाइल में पंडित मिश्रा बोले- आज मुझे किसी ने कहा कि गुरुजी अब तुम भी तैयारी कर लो, अगला नंबर तुम्हारा ही है। तो मैंने उन्हें कहा- मैं नंबर नहीं देखता, क्योंकि एक बार जो भगवा को देख लेता है, वह भगवान का होकर ही चलता है। उन्होंने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी ये कभी मत सोचना कि आप अकेले चल रहे हैं। जिस समय आवाज लगेगी, उस समय एक-एक सनातनी आपके साथ खड़ा हो जाएगा। जिंदगी में परीक्षा हर पल, हर घड़ी आती है। आप चिंता मत करिए। भोलेनाथ का डमरू जरूर बजेगा…हर हर महादेव।

बीते दिनों टाल गए थे बात
बता दें कि सीहोर में फरवरी महीने पंडित प्रदीप मिश्रा के आश्रम कुबेरेश्वर धाम पर रुद्राक्ष वितरण समारोह होने जा रहा है। 5 दिन पहले आयोजन को लेकर उन्होंने एक पत्रकारवार्ता आयोजित की थी। पत्रकारवार्ता के दौरान मीडियाकर्मियों द्वारा पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के बारे में पंडित प्रदीप मिश्रा से सवाल किया था, जिस पर पंडित मिश्रा मीडियाकर्मियों का सवाल टालते नजर आए थे, लेकिन मंगलवार को पंडित प्रदीप मिश्रा भी बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में आ गए हैं।

श्याम मानव, महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति प्रमुख

धीरेंद्र शास्त्री पर क्या हैं आरोप?

महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री पर यह आरोप लगाया है कि वो दिव्य दरबार और प्रेत दरबार के नाम पर वह अंधविश्वास और जादू-टोना जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। श्याम मानव यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि धीरेंद्र शास्त्री देश की जनता के साथ लूट, धोखाधड़ी और उनका शोषण करने में लगे हुए हैं। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह सचमुच में चमत्कारी हैं तो उनके बीच में दिव्य दरबार लगाएं और सबके सामने चमत्कार करके दिखाएं। अगर वह ऐसा करने में सफल होंगे तो उन्हें समिति की तरफ से 30 लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि धीरेंद्र शास्त्री जो दरबार लगाते हैं, उससे दो कानूनों का खुला उल्लंघन होता है। पहला, साल 2013 का महाराष्ट्र जादू टोना विरोधी कानून और दूसरा, 1954 का ड्रग्स एंड मेडिकल रेमेडीज एक्ट। अपने दिव्य दरबार के जरिये धीरेंद्र शास्त्री हमेशा इन दोनों कानूनों का उल्लंघन करते हैं।

क्या करती है अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति?

इस समिति का गठन महाराष्ट्र और देश में समाज में फैले अंधविश्वास को दूर करने के लिए साल 1989 में हुआ था। जिसकी स्थापना दिवंगत नरेंद्र दाभोलकर ने की थी। दाभोलकर की साल 2013 हत्या कर दी गई थी। यह समिति जहां अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का काम करती है। वहीं, दूसरी तरफ अंधविश्वास फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की दिशा में भी आगे बढ़ती है। यह समिति मुख्य रूप से महाराष्ट्र में सक्रिय है।

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