मध्य प्रदेश

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का खुलासा: मप्र के 25 हजार से अधिक सरकारी स्कूल चल रहे अंधेरे में

21 से अधिक स्कूलों के पास एक खेल मैदान तक नहीं, ऑनलाइन क्लास और कंप्यूटर के दौर में भी सरकारी स्कूल बिजली व्यवस्था से जूझ रहे 

नई दिल्ली/भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत ठीक नहीं है। खेल मैदान और बिजली व्यवस्था के अभाव के मामले में मध्यप्रदेश देश पहले पायदान पर है। इस बात का खुलासा हाल ही में लोकसभा में सांसद द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा दिए गए जवाब से हुआ है।

सरकारी स्कूलों में खेल मैदान और बिजली के अभाव के मामले में एमपी पहले पायदान पर है। मध्यप्रदेश से तो अच्छी हालत की छत्तीसगढ़ की है। लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, मध्यप्रदेश में 92695 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से 21031 के पास खेल मैदान नहीं है, जबकि 25804 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। ऑनलाइन क्लास और कंप्यूटर के दौर में भी सरकारी स्कूल बिजली व्यवस्था से जूझ रहे हैं।  मप्र में अगर राजधानी भोपाल की ही बात करें तो  राजभवन के ठीक पीछे एक स्कूल मांगलिक भवन में संचालित हो रहा है। वर्षों बाद भी इस स्कूल को स्वयं का भवन नसीब नहीं हो सका है। स्थिति यह है कि नुक्ते, रसोई, शादी, बर्थडे जैसे अनेक समारोह के बीच यहां बच्चे पढ़ाई के लिए मजबूत होते हैं।

अन्य राज्यों की स्थिति

राजस्थान में 68948 स्कूल में से 16862 के पास खेल मैदान नहीं है। 11113 के पास बिजली कनेक्शन नहीं हैं। छत्तीसगढ़ में 48743 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से 11483 के पास खेल मैदान नहीं है।  जबकि 2240 बिजली विहीन हैं। गुजरात में 34699 स्कूल हैं। इनमें से 5501 के पास खेल मैदान नहीं है। 21 स्कूलों में बिजली नहीं है।  कर्नाटक में 49679 स्कूल में 11176 खेल मैदान विहीन हैं, जबकि 436 बिजली विहीन हैं। वहीं, तमिलनाडु 37636 स्कूल हैं, जिनमें से 6685 के पास खेल मैदान नहीं हैं, जबकि सभी स्कूलों में बिजली की समुचित व्यवस्था है। पश्चिम बंगाल में 83302 सरकार स्कूल हैं, जिनमें 28679 के पास खेल मैदान नहीं हैं और 1613 स्कूल ही ऐसे हैं, जिनमें बिजली व्यवस्था नहीं है।

स्कूलों में ये सुविधाएं जरूरी…

  • पीने का पानी, हाथ धोने वाले स्थानों का निर्माण
  • लडक़ों-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय
  • सैनेटरी पैड वैडिंग मशीन और इंसीनरेटर का निर्माण
  • दिव्यांग अनुकूल शौचालय, रैंप, अन्य सुविधाएं
  • रसाई, चालू बिजली कनेक्शन
  • वाई-फाई की सुविधा
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