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डायरिया का कहर: बिलासपुर में फिर हुई एक मौत, अब तक 6 की गई जान; मरीजों की संख्या भी बढ़ी …

बिलासपुर । शहर के तालापारा व तारबाहर के साथ ही डायरिया अब टिकरापारा में भी पहुंच गया है। लगातार फैल रही इस बीमारी से जान गंवाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों ने मरीजों के इलाज के दौरान आशंका जताई कि सभी दूषित पानी पीने की वजह से डायरिया से संक्रमित हुए हैं। इस बीच नगर निगम ने क्षेत्र के अलग-अलग 17 जगहों से पानी के सैंपल लिए। जिसकी बैक्ट्रेरियल जांच सिम्स के माइक्रोबायोलाजी लैब में की गई। जांच में पानी की रिपोर्ट सही बताई गई है। अब सवाल उठता है कि पानी सही है तो डायरिया क्यों फैल रहा है और नियंत्रित क्यों नहीं हो रहा है। इसका जवाब नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है।

मरीजों का उपचार जिला अस्पताल, सिम्स व निजी अस्पताल में चल रहा है। शुक्रवार की देर रात सिम्स में उपचार के दौरान टिकरापारा के अधेड़ की मौत हो गई। इसके साथ ही डायरिया से मौत का आंकड़ा बढ़कर 6 हो गया है। वहीं, 200 से अधिक पीड़ित हैं। सभी मौतें महज एक सप्ताह के भीतर हुई है।

बताया जा रहा है कि टिकरापारा के कंसा चौक निवासी अर्जुन देवांगन (55) पिछले कुछ दिनों से उल्टी दस्त से पीड़ित था। शुक्रवार की रात उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए सिम्स रेफर कर दिया गया। सिम्स में उपचार के दौरान देर रात उसकी मौत हो गई।

हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अफसर इस घटना से अभी अनजान हैं। शुक्रवार को ही तालापारा के मरीमाई मंदिर के पास रहने वाले युवक मोहम्मद मेहंदी रिजवी पिता जियारत हुसैन की उल्टी-दस्त से मौत हो गई थी। चार दिन पहले अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। डायरिया नियंत्रण में लगी टीम ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए सिम्स में भर्ती कराया था। लेकिन वहां इलाज के दौरान उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। शुक्रवार की शाम उसकी हालत गंभीर हो गई और उसने दम तोड़ दिया। तालापारा में डायरिया से दूसरी मौत है। वहीं एक-एक मौत तारबाहर, सिरगिट्टी और सरकंडा क्षेत्र में हो चुकी है। टिकरापारा के अधेड़ के साथ ही डायरिया से मरने वालों की संख्या 6 हो गई है।

तारबाहर व तालापारा में डायरिया के मरीज मिलने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को तालापारा और तारबाहर मिलाकर कुल 208 घरों में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। इस दौरान डायरिया के 18 नए मरीज मिले। जिनमें से चार की हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पिछले एक सप्ताह से तालापारा व तारबाहर में डायरिया के लगातार मरीज मिल रहे हैं। इधर, नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग डायरिया नियंत्रण के कार्य में जुटने का दावा कर रहा है। इसके बाद भी डायरिया नियंत्रण में नहीं लग रहा है। इस स्थिति में मोहल्ले के लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। यही वजह है कि टीम के मोहल्ले में पहुंचने पर विवाद की स्थिति बन रही है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार सर्वे कर रही है। फिर भी डायरिया पर नियंत्रण क्यों नहीं लगा पा रहे हैं। उनका आरोप है कि उपचार व नियंत्रण के बहाने महज खानापूर्ति की जा रही है।

डायरिया अब तालापारा व तारबाहर क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। धीरे-धीरे कर डायरिया का प्रकोप शहर के दूसरे इलाकों में भी फैलने लगा है। टिकरापारा में मरीज की मौत होने के यहां भी डायरिया फैलने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, जरहाभाठा मिनी बस्ती के साथ कुछ अन्य क्षेत्रों में डायरिया के मरीज मिलने लगे है। लेकिन इस ओर निगम अमले का ध्यान ही नहीं है।

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