मध्य प्रदेश

इंदौर में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा के पोस्टर हटाने पर विवाद, कांग्रेस नेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, विधायक बोले निगम का ये कृत्य निदंनीय

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा से पहले नगर निगम द्वारा उनके पोस्टर हटा दिए जाने से विवाद हो गया। कांग्रेस नेताओं ने इसकी निंदा करते हुए नगर निगम के कृत्य को धर्म का अपमान बताया है। इसके विरोध में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। नगर निगम की कार्रवाई से नाराज वरिष्ठ कांग्रेस नेता कृपाशंकर शुक्ला तो बीच सड़क पर कुर्सी डालकर बैठ गए, वहीँ विधायक संजय शुक्ला ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए निगम की कार्रवाई को भाजपा नेताओं के इशारे पर करने और कथा को असफल करने का प्रयास बताया है।

दरअसल, इंदौर के दलालबाग क्षेत्र में 24 नवंबर से पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा होने वाली है। आज बुधवार शाम को कथा से पूर्व शोभायात्रा निकाली जाने वाली थी। कथा और शोभा यात्रा के अभिनंदन के लिए दलालबाग क्षेत्र के आसपास पोस्टर लगाए गए थे, जिसे बुधवार को नगर निगम की टीम ने हटा दिया। पोस्टर हटाने की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कांग्रेस नेताओं ने नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।

कथा को असफल करने की कोशिश – शुक्ला

कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के धार्मिक आयोजनों से भाजपा में खलबली है, वो घबराई हुई है, इसलिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के माध्यम से पं. प्रदीप मिश्रा की भव्य कथा को असफल करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ऐसी कोई भी कोशिश सफल नहीं होने दी जाएगी। विधायक श्री शुक्ला ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने बाणगंगा से लेकर दलालबाग तक शोभायात्रा मार्ग को भगवा ध्वज से सजाया गया था। जिसे नगर निगम की टीम ने भाजपा नेताओं के दबाव के चलते निकाल दिया गया। यह घटनाक्रम निंदनीय और घोर आपत्तिजनक है। पूरे मध्यप्रदेश की जनता पं. प्रदीप मिश्रा के मुखारविंद से शिव महापुराण की कथा सुनकर आनंद का अनुभव करती है। नगर निगम के ऐसे व्यवहार का जवाब जनता द्वारा सही समय आने पर दिया जाएगा।

वरिष्ठ नेता कृपाशंकर शुक्ला कुर्सी लगाकर सड़क पर बैठे

वहीं, घटना के विरोध में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कृपाशंकर शुक्ला पल्हर नगर चौराहे पर बीच सड़क पर कुर्सी लगाकर बैठ गए। यह देख अन्य कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भी उनके साथ धरने पर बैठ गए। उन्हें वहीं से नगर निगम के अधिकारी को फोन लगाकर कहा कि कमिश्नर प्रतिभा पाल से बात कीजिये, हमसे किराया ले लीजिये, हम ज्यादा किराया भी दे देंगे, लेकिन धर्म का अपमान तो न करें।

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