मध्य प्रदेश

सरकारी जमीन को अपना बताकर बेचने वाले कांग्रेस विधायक, उनकी पत्नी और एक दोस्त को 2-2 साल की सजा

मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के सुमावली से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह, उनकी पत्नी शीला कुशवाह और उनके दोस्त कृष्ण गोपाल चौरसिया को 10 साल पुराने मामले में दो-दो साल की सजा सुनाई गई है। विधायक ने सरकारी जमीन को अपनी बताकर दो बार बेच दिया था। फैसला शुक्रवार को एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने सुनाया। 6 अक्टूबर 2012 को मुरैना के जौरा निवासी पीएल शाक्य ने ग्वालियर पुलिस से इस बारे में शिकायत की थी। शिकायत के मुताबिक साल 2012 में उन्होंने अजब सिंह कुशवाह से महाराजपुरा इलाके में करीब 1600 वर्गफीट के प्लॉट का सौदा किया था। इसके एवज में विधायक ने 7.43 लाख रुपए भी लिए थे।

जब पीएल शाक्य वहां निर्माण कार्य कराने पहुंचे, तो पता चला कि यह जमीन सरकारी है। साथ ही इस प्लॉट को पहले भी एक बार बेचा जा चुका है। इस पर पीएल शाक्य ने अजब सिंह कुशवाह से पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने रुपए देने से इनकार कर दिया। शाक्य ने आरोप लगाया था कि दलित समाज से होने के नाते आरोपियों ने मुझे जातिसूचक गालियां दीं। साथ ही, जान से मारने की धमकी भी दी थी। इस मामले में अजब सिंह की पत्नी और गोपाल चौरसिया ने भी साथ दिया था। इस मामले में महाराजपुरा थाना पुलिस ने 8 साल पहले साल 2014 में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद पुलिस ने जांच कर कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक अभिषेक मेहरोत्रा ने कोर्ट को बताया कि आरोपी की नीयत शुरू से ही फरियादी के साथ छल करने की थी। इसके संबंध में कोर्ट में सबूत पेश किए गए।

केस की सुनवाई पूरी होने के बाद विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज सुशील कुमार जोशी ने विधायक को दोषी माना और तीनों दोषियों को दो-दो साल की सजा सुनाई। साथ ही 10-10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह उनकी पत्नी शीला और साथी कृष्ण गोपाल चौरसिया उपस्थित थे। उन्होंने कोर्ट से दो सप्ताह का समय मांगा। कोर्ट ने फौरी तौर पर राहत देते हुए जमानत स्वीकार करते हुए 15 दिन में हाईकोर्ट से जमानत कंफर्म करने के निर्देश दिए हैं। पीएल शाक्य के वकील एजीपी जगदीश शाक्य का कहना है कि आरोपियों को सजा सुनाई गई है। पीड़ित पक्ष को 25 हजार रुपए की राशि प्रतिकर के रूप में देने के निर्देश भी दिए गए हैं।

भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए थे

दो साल पहले अजब सिंह कुशवाहा भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर वह विधायक बने थे। इससे पहले अजब सिंह कुशवाह 2014 तक बसपा में थे और लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हुए थे।

विधायक पर दर्ज हैं कई केस

  • 19 जनवरी 2021 को ग्वालियर के महाराजपुरा थाना में जमीन की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। मामला दर्ज कराने वाले प्रॉपर्टी कारोबारियों ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार आवेदन दिया, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। इसके अलावा, विधायक के खिलाफ अपहरण का भी केस दर्ज है।
  • 5 सितंबर 2021 को प्रॉपर्टी डीलर सीताराम शर्मा की शिकायत पर 42 हजार वर्गफीट जमीन की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। घटना 2010 की थी, लेकिन सीताराम को मामला दर्ज कराते-कराते 11 साल लग गए। इसमें भी विधायक सहित उनके दामाद और 5 लोगों पर एफआईआर दर्ज है।
  • 27 अक्टूबर को प्रॉपर्टी डीलर सीताराम ने विधायक के घर पहुंचकर जहर खाकर जान दे दी। इसके बाद मृतक के बेटे की शिकायत पर विधायक अजब सिंह समेत 5 लोगों पर खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया।
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