मध्य प्रदेश

10वीं, 12वीं की फीस जमा न करने वाले बच्चे भी दे सकेंगे परीक्षा, एमपी बोर्ड सचिव ने दिया आश्वासन, स्कूल संचालकों व प्राचार्यों पर होगी सख्त कार्रवाई

राजधानी भोपाल के 500 से अधिक बच्चों की बोर्ड परीक्षा फीस अभी तक नहीं हुई जमा

भोपाल। अभी तक राजधानी भोपाल के 11 से ज्यादा निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों के बोर्ड परीक्षा फॉर्म न भरने वाले बच्चों के लिए राहत भरी खबर आई है. मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव श्रीकांत बनोठ ने आश्वासन दिया है कि इन बच्चों को परीक्षा देने से नहीं रोका जाएगा. बैठक के बाद बीच का रास्ता निकाला जाएगा. साथ ही उन्होंने बच्चों को परीक्षा देने से रोकने वाले स्कूल संचालकों और प्राचार्यों पर फाइन लगाने और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.

दरअसल, एमपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा फीस 900 रुपये तय की थी. इसके लिए अंतिम तिथि 30 सितंबर थी. निर्धारित तिथि के बाद फीस जमा करने पर 100 रुपये फाइन के साथ कुछ दिन का और वक्त दिया गया था. यदि इसके बाद भी फीस नहीं जमा की जाती है तो इसके लिए 20 नवंबर तक 2000 रुपये फाइन तय किया गया था. लेकिन, 20 नवंबर तक भी प्रदेश के कई सरकारी और निजी स्कूल बच्चों की फीस जमा नहीं कर सके. इसमें से 11 स्कूल तो भोपाल के ही थे. इसके बाद बोर्ड ने प्रति छात्र 5729 रुपये फीस लेने का आदेश दिया. इस हिसाब से स्कूलों को 11 करोड़ से अधिक भुगतान करना था. कुछ स्कूलों ने चंदा इकट्‌ठा करके अपने हिस्से की धनराशि जमा की. लेकिन अभी भी 582 ऐसे बच्चे हैं, जिनकी बोर्ड परीक्षा फीस जमा नहीं हो सकी है. अब स्कूल माध्यमिक शिक्षा मंडल को 35 लाख रुपये जमा करेंगे.

शिक्षकों ने दिया 10 हजार चंदा

आखिरी अल्टीमेटम के बाद कई स्कूलों ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को करोड़ों की फीस जमा करने को लेकर आपस में ही बीच का रास्ता निकाला. कई स्कूलों के शिक्षकों ने ही 10-10 हजार रुपये चंदा दिया और बोर्ड परीक्षा फीस का इंतजाम किया, लेकिन 582 से ज्यादा बच्चे अभी भी ऐसे हैं, जिनकी परीक्षा फीस अब तक जमा नहीं हुई है.

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