मध्य प्रदेश

हमीदिया का नाम बदलने नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने लिखा सीएम को पत्र

शहर के संस्थानों और सडक़ का नाम बदलने की फिर उठी मांग

भोपाल। राजधानी में हमीदिया नाम के संस्थानों और सडक़ का नाम बदलने की नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने मांग की है। इसके लिए सूर्यवंशी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है। पत्र में लिखा है कि नवाब हमीदुल्लाह खान ने भोपाल रियासत का भारत में विलय करने का विरोध किया था। इस बात के भी साक्ष्य हैं कि हमीदुल्ला खान ने पाकिस्तान जाकर वहां वजीर बनने की भी कोशिश की थी।

नवाब हमीदुल्ला ने भोपाल की रियासत को पाकिस्तान में शामिल करने की पूरी कोशिश की थी। इसी वजह से भोपाल को दो वर्ष विलंब से आजादी मिली। जहां एक तरफ पूरा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था, पर नवाब की गलत नीतियों के कारण भोपाल लगभग दो साल तक गुलाम बना रहा और भारत में विलय नहीं हो पाया। इन तथ्यों से स्पष्ट होता है कि हमीदुल्लाह की मानसिकता भारत विरोधी थी। इसलिए शहर में नवाब हमीदुल्लाह खान के नाम से हमीदिया स्कूल, हमीदिया कालेज, हमीदिया अस्पताल, हमीदिया सडक़ एवं अन्य कोई भी स्थान होना उचित नहीं है। इसे बदलकर जल्द देशभक्तों के नाम पर किया जाना उचित होगा।

ज्ञात हो, पद्मभूषण से सम्मानित आचार्य रामभद्राचार्य और गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला भोपाल आकर सार्वजनिक मंचों से इस नगरी का नाम बदलकर भोजपाल करने की मांग उठा चुके हैं। गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने भोपाल गौरव दिवस पर मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने कहा था कि अगर शिव के राज में भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल नहीं होगा, तो कब होगा। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कहा था कि आखिर क्यों दोस्त मोहम्मद खान जैसे लुटेरे और नवाब हमीदुल्ला जैसे आतंकी के नाम से भोपाल को जाना जाए। मालूम हो कि प्रदेश के कई शहरों एवं चौक-चौराहों के नाम बदलने की मांग उठाई जाती रही है और जनआकांक्षाओं के देखते हुए प्रदेश सरकार का रुख भी अभी तक सकारात्मक ही रहा है। संभव है कि इस मामले पर भी राज्य सरकार गौर फरमाएगी।

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