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छत्तीसगढ़ का पहला नगर निगम बना बिलासपुर, भवन नक्शा पास कराने पर देते हैं खाद, वृक्ष लगाने कराते हैं संकल्प ….

बिलासपुर । भवन नक्शा पास कराने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं। ऐेसे में जोन क्रमांक 3 के अफसर उनकी सारी प्रक्रिया को आसान कराने के साथ ही लोगों को वर्मी कंपोस्ट खाद खरीदने और पौधा लगाने का संकल्प करा रहे हैं। खाद का पैकेट रसीद दिखाकर सकरी गोठान से ले सकते हैं। यहां गोवर्धन स्वसहायता समूह की महिलाएं खाद बनाने का काम कर रही हैं। अब तक 122 मकान के नक्शा पास कराने के एवज में जोन क्रमांक 3 में 22 हजार रुपए मिले हैं। रकम गोठान की स्वसहायता समूह के खाते में जमा कराई गई है। जो महिलाओं में बांटी जाती है।

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बिलासपुर नगर निगम के जोन क्रमांक-3 में एक नवाचार शुरू किया गया है। यहां नक्शा पास कराने के लिए आने वालों को एक पौधा लगाने का संकल्प दिलाया जाता है। इसके लिए एक बोरी वर्मी कम्पोस्ट खाद भी दी जाती है। इसके एवज में नक्शा पास कराने वालों से 180 रुपए लिए जाते हैं। यह राशि खाद बनाने वाले महिला स्वसहायता को दी जाती है। बिलासपुर प्रदेश का पहला ऐसा नगर निगम है ,जहां इस तरह की योजना संचालित की जा रही है। योजना पिछले 10 महीने से संचालित हो रही है।

अब तक 122 लोग नक्शा पास कराने के बाद सकरी गोठान से खाद की खरीदी कर चुके हैं। बिलासपुर नगर निगम के जोन क्रमांक 3 नेहरू चौक के आसपास के क्षेत्र में कलेक्टर कार्यालय, नगर निगम, जिला न्यायालय, जिला पंचायत सहित तमाम सरकारी कार्यालय मौजूद है। साथ ही यहां कुछ वीआईपी कॉलोनियां है।

ऐसे में इस क्षेत्र में रहने वाले लोग भवन निर्माण से पहले नक्शे की मंजूरी के लिए जोन कार्यालय आते हैं तो यहां के अफसर उन्हें प्रेरित करते हैं कि वे मकान बनाने के साथ एक पौधा भी लगाएं, ताकि पर्यावरण सुरक्षित रखा जा सके। पिछले 10 महीने में 122 भवनों के निर्माण के लिए नक्शा पास किया गया है। ऐसे में उन्हें संकल्प पत्र भरवाने के साथ ही गोठान में निर्मित 30 किलो खाद का एक पैकेट भी दिया जाता है, जिसके एवज में 180 रूपए की एक रसीद काट कर दी जाती है।

जोन क्रमांक 3 के जोन क्रमांक कमिश्नर प्रवीण शुक्ला ने बताया कि नगर निगम बिलासपुर के परिसीमन के बाद अब वार्डों की संख्या 70 हो चुकी है। 8 जोन में इन्हें विभाजित कर दिया गया है। हमारा जोन शहर के बीचों बीच आता है। यहां बड़े वृक्षों की संख्या सीमित है। ऐसे में हरियाली बढ़ाने और हरियर जोन बनाने के लिए नए भवन बनाने वालों को संकल्प दिलाने के साथ ही ये नवाचार की शुरुआत की।

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