मध्य प्रदेश

सीएम शिवराज का ऐलान : मध्यप्रदेश में दिसंबर 2022 तक की सभी अवैध कॉलोनियां होंगी वैध

सीएम बोले- अब ऐसी कॉलोनी कटी, तो  जिम्मेदार अफसर की खैर नहीं

भोपाल। मध्यप्रदेश में दिसंबर 2022 तक की सभी अनाधिकृत कॉलोनियां वैध की जाएंगी। इन कॉलोनियों में विकास के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। अधो-संरचना से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। पानी और बिजली के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेंगी। इन कॉलोनियों के गरीब रहवासियों से विकास शुल्क नहीं लिया जायेगा। जो मकान जिस रूप में बने हैं, उन्हें उसी रूप में स्वीकार कर अनुमति दी जायेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सीएम हाउस में अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण कार्यक्रम में की। उन्होंने कहा कि अब अगर अवैध कॉलोनी कटी तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी। अधिकारी इस पर पैनी नजर रखें। अवैध कॉलोनी बननी ही नहीं चाहिए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान।

इस अवसर पर सीएम ने कहा कि मैं मानता हूं कि जब ये कॉलोनियां बन रही थीं, तब ध्यान देना चाहिए था कि वो वैध बन रही हैं या अवैध। लेकिन हमारे भाई-बहन का क्या दोष? जिंदगीभर की पूंजी लगाकर प्लॉट खरीद लिया। पाई-पाई जोड़कर मकान बना लिया। मकान बन गया, तब सरकार आई और कह दिया- ये तो अवैध है। यह न्याय नहीं है। अवैध मतलब क्या हम अपराधी हो गए। अवैध ठहराने का निर्णय ही अवैध है, इस निर्णय को मैं समाप्त करता हूं। मध्यप्रदेश में दिसंबर 2022 तक की सारी अवैध कॉलोनियां वैध की जाती हैं। उन्होंने कहा कि पहले दिसंबर 2016 तक निर्मित कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय हुआ था, जिसे संशोधित कर वर्ष 2022 कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी आसान बनाना सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए आवश्यक निर्देश नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दिए हैं। अब वैध की गई कॉलोनियों के नागरिकों को बैंक ऋण मिल सकेगा। विकास के लिए विधायक एवं सांसद निधि की राशि दी जा सकेगी।

मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य स्तरीय नियमितीकरण कार्यक्रम में मौजूद नागरिकगण।

नगरीय निकाय रहवासी संघ को आवश्यक सहयोग करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलोनियों में रहवासी संघ भी बनाए जाएं। कॉलोनियां स्वच्छता में पीछे न रहें, इस मंशा के साथ जन अभियान प्रारंभ होना चाहिए। मकान बन जाने के बाद संपूर्ण वातावरण स्वच्छ रखना हमारा कर्त्तव्य है। स्वच्छता और सफाई पर सभी नागरिक ध्यान रखें। रहवासी संघों को सभी नगरीय निकाय आवश्यक सहयोग करें। कॉलोनियों को स्वच्छ और सुंदर बनाने पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि अपना घर सबसे सुंदर होता है। हर व्यक्ति का सपना होता है कि जीवन में अपना एक मकान जरूर हो। रोटी, कपड़ा और मकान जीवन की प्राथमिक आवश्यकता है। मकान के बिना जिंदगी नहीं काटी जा सकती। मकान ईंट-गारे का भवन नहीं, एक पवित्र मंदिर होता है। मकान हमारे बच्चों के लिए सपनों का घर होता है। भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि अपनी संतान के लिए मकान बनाना आवश्यक है। शहरों में निम्न मध्यमवर्गीय परिवार, कामकाज के लिए और बच्चों की पढ़ाई के लिए आने वाले लोग रहते हैं। उनका अपना मकान हो, ऐसी इच्छा होती है। मकान में पाई-पाई जोड़कर जिंदगी भर की पूँजी लगाई जाती है। कई बार ऐसे भू-खंड ले लेते हैं जो अनाधिकृत होते हैं। उस पर मकान निर्मित हो जाने के बाद उसके अवैध होने की जानकारी मिलती है। यह नागरिकों के साथ न्याय नहीं है। अनाधिकृत होने के कलंक को मिटाना है। अपना आशियाना बनाना अवैध नहीं है। राज्य सरकार ग्रामों में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना संचालित कर रही है। शहरों में भी वर्षों पुराने पट्टाधारियों को मालिक बनाया जा रहा है। इसी तरह जीवन भर परिश्रम से अपनी अर्जित कमाई लगाकर मकान बनाने वालों को अनाधिकृत नहीं मान सकते। कॉलोनाइजर गड़बड़ न करें, इस पर भी नियंत्रण आवश्यक है।

सीएम ने प्रतीक स्वरूप नागरिकों को भवन अनुज्ञा प्रमाण-पत्र वितरित किए।

शहरों में गरीबों को मिलेगा 5 रुपए में भोजन

सीएम श्री चौहान ने कहा कि काम-काज के लिए शहर आने वाले गरीबों को दीनदयाल रसोई योजना में 5 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जाये। प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोये। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाये, लेकिन इसमें संतुलन रखें। ठेले वालों की रोजी-रोटी पर संकट नहीं आना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुछ नागरिकों को प्रतीक स्वरूप अनुज्ञा प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए। कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक रामेश्वर शर्मा और कृष्णा गौर, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, पूर्व महापौर आलोक शर्मा, पार्षद, जन-प्रतिनिधि, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास भरत यादव एवं वैध हुई कॉलोनियों के बड़ी संख्या में रहवासी उपस्थित थे। मुख्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण नगरीय निकायों में किया गया।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में आए नागरिकों का पुष्प-वर्षा कर स्वागत किया।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया ऐतिहासिक निर्णय
इससे पहले नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सालों से इन अवैध कॉलोनियों के लोग परेशान थे। ये कॉलोनियां नियम अनुसार नहीं बनाई गई थीं। मुख्यमंत्री ने इन कॉलोनियों को वैध कर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने सीएम से निवेदन किया कि 31 दिसंबर 2016 तक की कॉलोनियों को तो वैध कर दिया, आप 31 दिसंबर 2022 तक की कॉलोनियों को भी वैध कर दीजिए। इससे प्रदेश में करीब 2500 कॉलोनियां और वैध हो जाएंगी। जिन अवैध कॉलोनियों में इमारत बन गई, उनके नक्शे पास नहीं हुए, इन नक्शों को भी पास कर दिया जाए। यह भी आग्रह करना चाहता हूं कि गरीब लोग, जिनके छोटे प्लॉट हैं, उनसे डेवलपमेंट का 20% लेते हैं, यह शुल्क समाप्त किया जाए।

सीएम शिवराज सिंह ने कन्या-पूजन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

राज्यमंत्री भदौरिया बोले- कांग्रेस ने अवैध कॉलोनियां बसाईं

नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि ‘यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश के लगभग 20 लाख परिवारों को सम्मान देने वाला है। कांग्रेस ने अवैध कॉलोनियां बसाईं। इन्हें पोषित किया। वे लोग जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे, उनकी संपत्ति की कोई कीमत नहीं थी। वे लंबी लड़ाई लड़ रहे थे। आज मुख्यमंत्री ने उनकी संपत्ति को वैध करने का काम किया है। उन्हें सुविधाएं देने का कदम उठाया है।’

सभी पात्र कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया 30 जून तक कर ली जायेगी पूरी

प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई ने बताया कि 6 हजार 77 पात्र कॉलोनियों का प्रारंभिक प्रकाशन किया जा चुका है। इनमें से 1662 कॉलोनियों के अभिन्यास का प्रारंभिक प्रकाशन, 1336 कॉलोनियों के अभिन्यास का अंतिम प्रकाशन और 1122 कॉलोनियों में भवन अनुज्ञा देने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। आज 500 भवन अनुज्ञा प्रमाण-पत्र वितरित किये जा रहे हैं। सभी पात्र कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी कर ली जायेगी। सभी जिलों में कार्यक्रम किये गये। नगर पालिक निगम भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय ने आभार माना।

 

Back to top button