छत्तीसगढ़पेण्ड्रा-मरवाही

अमित जोगी ने धान ख़रीदी के पहले दिन जीपीएम में किया निरीक्षण …

पेंड्रा। अध्यक्ष अमित जोगी ने धान ख़रीदी के पहले दिन GPM जिला निगरानी समिति के साथ गौरेला, पेंड्रा और कोदवाही समितियों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान 10 प्रमुख बातें सामने आई। इनमें पाया कि यहां मात्र 54 किसानों से धान ख़रीदा गया। जिला की सबसे बड़ी पेंड्रा समिति में आवश्यकता के विरुद्ध 9% ही बारदाने उपलब्ध हैं। 40% बारदाने उपयोग के योग्य नहीं हैं और पूरे जिले में एक भी नया बारदाना नहीं पहुंचा है। तीनों समितियों में धान का भंडारण खुले में हो रहा है। गौरेला में 12 रुपए, पेंड्रा में 6.50 रुपए और कोदवाही में 4 रुपए प्रति क्विंटल हम्मालों को दिया जा रहा है। पट्टे से 50-70% धान का रक़बा काट दिया गया है, किसान अतिरिक्त धान बिचौलियों को रुपए 1400 रुपए प्रति क्विंटल में बेचने में मजबूर हैं।

केंद्रीय सर्वर में ख़राबी के कारण GPM जिले के कुल 14567 पंजीकृत किसानों में से गौरेला में मात्र 8, पेंड्रा में 13 और कोदवाही में 33 किसानों का धान आज ख़रीदा गया। इस गति से धान ख़रीदी के लिए 6 महीने भी कम पड़ जाएँगे। तीनों समितियों में ‘मुख्य अतिथि’ के विलम्ब से पहुँचने के कारण ख़रीदी प्रक्रिया 12 बजे के बाद ही शुरू हो पाई जबकि किसान सुबह 7 बजे से समिति में पहुँच चुके थे।

गौरेला में 27,000 बारदानों की आवश्यकता के विरुद्ध 17,000 (63%), पेंड्रा में 1,50,000 के विरुद्ध 13,952 (9%) और कोदवाही में 55,000 के विरुद्ध 12,423 (22%) बारदाना उपलब्ध होना बताया गया। उपलब्ध बारदानों में 40% उपयोग के योग्य नहीं है जिसके कारण धान तोलने की प्रक्रिया में दोगुना समय लग रहा है। धान की सुक्ती (सूखने) के कारण 40 किलो की एक बोरी में औसतन 100-200 ग्राम अधिक तौला जा रहा है। इसका प्रमुख कारण धान ख़रीदी एक महीना देरी से शुरू करना है। पूरे जिले में एक भी नया बारदाना नहीं है।

तीनों समितियों में धान का भंडारण खुले में किया जा रहा था जबकि पेंड्रा और गौरेला मण्डी में 15-20,000 बारदानों को शेड में रखने की व्यवस्था है।गौरेला मण्डी के शेड की छत टूटी है।कोदवाही में शेड/ चबूतरा का निर्माण MNREGA के अंतर्गत आज ही प्रारम्भ हुआ है। गौरेला में 12 रुपए, पेंड्रा में 6.50 रुपए और कोदवाही में 4 रुपए प्रति क्विंटल हम्मालों को दिया जा रहा है जबकि हम्माली का बिलासपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा एक रेट में ही ठेका दिया गया है। इसकी पृथक से जानकारी श्रम विभाग को दी जाएगी।

कम्प्यूटर से जारी हुए टोकन में किसानों का 50-70% रक़बा काट दिया गया है (5 एकर के पट्टे में केवल 1.6 एकर धान का रक़बा पाया गया) जिसके परिणामस्वरूप उनको अपना अतिरिक्त धान समितियों में ही खुले रूप से सक्रीय बिचौलियों को 1400 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचना पड़ रहा है। लरकेनी में पूर्व में धान ख़रीदी केंद्र संचालित था। इसको बंद करने से किसानों में रोष देखा गया।

अमित ने ‘धान सत्याग्रह’ के अंतर्गत अपनी चार माँगो- उठे एक एक दाना, कम न पड़े बारदाना, एकमुश्त 2500 दिलाना और बिचौलियों को भगाना- को लेकर SDM डिगेश पटेल को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।

 

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