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कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मिलिंद देवड़ा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आधिकारिक आवास पर पहुंचे, औपचारिक रूप से शिवसेना में हुए शामिल

महाराष्ट्र
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मिलिंद देवड़ा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आधिकारिक आवास पर पहुंचे। इसके बाद वह औपचारिक रूप से शिवसेना में शामिल हो गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। रविवार को उन्हें मुंबई में सीएम शिंदे के आवास वर्षा बंगले के पास देखा गया। इस मौके पर उनके समर्थक भी मौजूद रहे जो नारे लगा रहे थे। समर्थकों का नारा था- 'मिलिंद भाई आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं।' एएनआई ने एक पोस्टर भी जारी किया था जिसमें मुख्यमंत्री शिंद के साथ देवड़ा की तस्वीर थी। इस पर लिखा है, 'पक्ष प्रवेश, मिलिंद देवड़ा।'

मिलिंद देवड़ा के शिवसेना में शामिल होने की अटकलों के बीच सीएम शिंदे का बयान भी कुछ देर पहले आ गया था। इस दौरान वह देवड़ा के शिवसेना में शामिल होने पर कुछ कहने से बचते रहे मगर उन्होंने कहा कि अगर देवड़ा पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, 'मैंने उनके फैसले के बारे में सुना है। अगर वह पार्टी में शामिल हो रहे हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा।'

'कांग्रेस से मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म'
मालूम हो कि दक्षिण मुंबई सीट से लोकसभा के पूर्व सदस्य देवड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से आज ही इस्तीफा दिया, जिसकी जानकारी उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी। उन्होंने लिखा, 'आज मेरी राजनीतिक यात्रा के महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ। मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और इसी के साथ पार्टी से मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है। मैं वर्षों तक अटूट समर्थन देने के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।'

देवड़ा ने कहा- मैं विकास के पथ की ओर अग्रसर
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद देवड़ा ने कहा कि वह विकास के पथ की ओर अग्रसर हैं। वह पेडर रोड पर स्थित अपने आवास रामालयम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। अपनी पत्नी पूजा के साथ प्रभादेवी में सिद्धिविनायक मंदिर में पूजा करने के लिए घर से निकले देवरा ने कहा, 'मैं विकास के पथ की ओर अग्रसर हूं।' संयोग से एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के विधायक सदा सरवणकर भी मंदिर में मौजूद थे। वह मंदिर न्यास के प्रमुख भी हैं।

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