लेखक की कलम से

आपको वहीं पाते हैं….

आपका प्यार झलकता है आँखों में, हमारा दिल में तड़पता है ।

आप हंसते हो खिलखिलाकर, हम मुस्करा कर जांलेते हैं ।

आप बुलाते हो नयनों के इशारों  से, हम बन्द पलकों से आप को आप से चुराते हैं।

आप कह देते हो कि आपको हमसे प्यार है, हम प्यार का एहसास दिलाते हैं।

आप लेते हो साक़ी के हाथ से प्याला, हम नयनों के प्याले बनाते हैं।

आप छूते हो लबों से मय को, हम आंखों से मय पिलाते हैं।

आप देखते हो हमें तस्वीरों में, हम जब जी चाहे दिल में झांक लिया करते हैं।

आप सेकते हो आंखों के अंगारों से, हम दिल ही दिल में सुलगा करते हैं।

पेशानी को चूम कर आप दिलाते हो प्यार का अहसास, हम दिल में घर कर के प्यार निभाते हैं ।

आप से इश्क है हमें, इसलिए ढूंढने निकले थे आप को, जो दिल चीर के देखा अपना हमने,

तो आप को वहीं पर ही पाते हैं।

©प्रेम बजाज, यमुनानगर

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