लेखक की कलम से

महिला काव्य मंच जौनपुर इकाई की जुलाई की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी सम्पन्न …

महिला काव्य मंच जौनपुर इकाई  की जुलाई माह की गोष्ठी 22 जुलाई दिन बृहस्पतिवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शहडोल से पधारी छाया गुप्ता रहीं। विशिष्ट अतिथि प्रतापगढ़ से अर्चना ओजश्वी एवं विशेष आमंत्रित कवि शिव प्रकाश साहित्य गाज़ीपुर से रहें। सभी ने लाजवाब प्रस्तुति देकर महफ़िल में समा बांध दिया,कार्यक्रम की शुरूआत मां वागेश्वरी की आराधना से वरिष्ठ कवयित्री कविता उपाध्याय के मुखारबिंद से हुआ!

ओजश्वी की रचना बेखौफ लिखूं उन जख्मों को, जिन जख्मों की हकदार नहीं। मै बेटी भारत माता की मुझको समझो बेकार नहीं। से पटल पर ओज तो जौनपुर से विभा तिवारी ने मेरे अंदर हीं मर गया कोई,फिर नज़र से उतर गया कोई गज़ल से सबका ध्यान खींचा वहीं, नंदिता एकांकी प्रयागराज से लज़्ज़ते इश्क में जाना जिया करते है,कभी साकी कभी पैमाना बन दिया करते है मोहब्बत से लबरेज़ कर दिया,वहीं जौनपुर से विशि सिंह मेरी आदत है कल की बाते भूल जाती हूँ,लोग याद रहते हैं बाते भूल जाती हूँ से ज़िन्दगी जीने का अन्दाज़ सिखाया,सामयिक रचना पढ़ते हुए वरिष्ठ कवयित्री कविता उपाध्याय ने बरसो रे मेघा अब तुम बरसो रे,दग्ध दिलों को राहत दो अंकुर का जीवन तर दो‌ से बरसात में आनन्द का संचार कर दिया।

इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए युवा कवयित्री खुश्बू उपाध्याय का सावन गीत कइले बानी सोलहो शृंगार पिया घर आई जइता कि सावन आइल बाड़े से पूरे पटल पर चहक बिखेर दी मध्यप्रदेश शहडोल से पधारी प्रतिष्ठित शायरा शिल्पी शहडोली ने अपनी गज़ल बड़ी जल्दी थी उन्हें जाने की, दिल से यादों को मिटा देने की मोहब्बत भरी गज़ल पढ़कर शायराना मिजाज बना दिया,जौनपुर से योगिनी जौनपुरी ने, जनक नंदिनी सखी शोभा अवध की,धीर ना धरे मन,जो आए सुध उनकी से त्रेता युग का आभास और सिया विरह व्यथा का अनुभव कराया,कार्यक्रम को अदभुद रूप देने में उर्वशी उपाध्याय,संगीता तिवारी जैसी वरिष्ठ कवयित्री का सानिध्य प्राप्त हुआ! कार्यक्रम की अध्यक्षता पुर्वी जोन की अध्यक्षा मंजू पाण्डेय महक जौनपुरी ने एवं संचालन योगिनी काजोल पाठक ने किया सभी के सहयोग से गूगल मीट के माध्यम से गोष्ठी शानदार और सफल रही..!!

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