तुम गर साथ…
तुम गर साथ रहे,
हम संग तो….
तुम गर साथ रहे,
हर पल तो….
दुर्दिन भी सुदिन हो!
तुम गर साथ रहे,
हर पल तो….
जीवन भाव प्रबल हो
जीवन मार्ग सहज हो
तुम गर साथ रहे,
हम संग तो….
जीवन विपन्न-सम्पन्न हो!
अवनि और अंबर हो,
तुम गर साथ रहे,
हरपल तो…..
अंधियारा उज्जवल हो
हाथों-हाथ धरे,
क्षण-क्षण तो…
अनगढ़ पथ या मार्ग भटक हो!
कोई ना फर्क हो!
तुम गर दिलवर हो!
तुम गर साथ रहे,
हर पल तो….
हाथों-हाथ धरे पल-पल तो!
नयनों का संगम हो !
मन विश्वास प्रबल हो!
मन आभास सबल हो!
तुम गर साथ रहे,
पल पल तो….
पतझड़ भी मनोहर हो!
तेज धूप शीतल बन !
प्रलय की भी ना सुधि हो,
तुम जब मेरे संग हो!
तुम गर साथ रहे,
हम संग तो….
गरल अमृत्तुल्य हो!
रूखी-सूखी भी खा लेंगे!
तुम गर मेरे हमदम हो,
तुम गर साथ रहे,
हम संग तो….
सुखद जीवन अनुपम हो!
साथ तुम्हारे जी लूंगी!
तुम गर जीवन-धन हो,
तुम गर साथ रहे,
हम संग तो….
मधुर मधुर मधुरम हो!
तुम गर साथ रहे,
हर क्षण तो….
सर सलिल संगम हो!
तुम गर साथ रहे,
क्षण-क्षण तो….
©अल्पना सिंह, शिक्षिका, कोलकाता