लखनऊ/उत्तरप्रदेश

स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी सीट भी हारेंगे?, सपा को जितवाने का किया था दावा, पोल ने बढ़ाई टेंशन ….

लखनऊ । यूपी विस चुनाव-2022 के सातवें और अंतिम चरण का मतदान पूरा होते ही सोमवार की शाम एग्जिट पोल भी सामने आ गए। इसमें एक तरफ जहां भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती दिख रही है वहीं कई दिग्‍गजों की साख दांव पर लगी हुई है। एग्जिट पोल ने सपा को जितवाने का दावा करने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य की भी टेंशन बढ़ा दी है। टाइम्स नाउ-वीटो के एग्जिट पोल में स्‍वामी प्रसाद चुनाव हारते हुए दिख रहे हैं।

सर्वे में स्‍वामी प्रसाद मौर्य को 31% से 35% वोट मिलते दिख रहे हैं जबकि उनके प्रतिद्वंदी सुरेन्‍द्र कुमार कुशवाहा को 38% से 41% वोट मिलते दिख रहे हैं। एग्जिट पोल के ये नतीजे यदि सच साबित होते हैं तो यह स्‍वामी प्रसाद मौर्य के साथ-साथ अखिलेश यादव के लिए भी बड़ा झटका माना जाएगा। स्‍वामी प्रसाद मौर्य का दावा इस चुनाव में पिछड़े वर्ग के वोटों को समाजवादी पार्टी की ओर लाने और मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर एक बार फिर अखिलेश यादव की ताजपोशी कराने का था। ऐसे में यदि वह खुद अपना चुनाव हारते हैं तो यह सपा के लिए बड़ा झटका कहा जाएगा।

ऐन चुनाव के पहले भाजपा छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए स्‍वामी प्रसाद मौर्य के पहले पड़रौना सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी लेकिन आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद उन्‍होंने फाजिलनगर से लड़ने का निर्णय लिया। यहां स्‍वामी की बीजेपी के सुरेन्‍द्र कुशवाहा से कड़ी टक्‍कर रही। यहां तक कि चुनाव प्रचार खत्‍म होने वाले दिन पहले स्‍वामी और कुशवाहा के समर्थकों के बीच मारपीट तक हो गई। पुलिस ने इस मामलें में स्‍वामी की बेटी संघमित्रा मौर्य (बदायूं से बीजेपी सांसद) के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। उधर, स्‍वामी प्रसाद के बेटे अशोक मौर्य को भी मतदाताओं को प्रभावित करने के इरादे से क्षेत्र में रुपए बांटने के आरोप में हिरासत में लिया था। अशोक को जिले की सीमा से बाहर करके मतदान होने तक जिले में प्रवेश न करने की हिदायत दी गई थी। बाद में प्रशासन ने उनके खिलाफ भी आचार संहिता उल्‍लंघन का केस दर्ज कर लिया था।

फाजिलनगर सीट पर बीजेपी, सपा और बसपा के बीच टक्‍कर होती आई है। पिछले दो चुनावों से इस सीट पर बीजेपी के गंगा सिंह कुशवाहा जीतते आ रहे है। यूपी की 403 विधानसभा सीटों में फाजिनगर सीट का नंबर 332 वां है। यह सीट देवरिया लोकसभा क्षेत्र में पड़ती है। देवरिया लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। फाजिलनगर उनमें से एक है।

2017 के चुनाव में फाजिलनगर सीट पर जीत का अंतर बढ़ गया था। तब बीजेपी के गंगा सिंह कुशवाहा ने सपा के विश्‍वनाथ को 41,922 वोटों के बड़े अंतर से हराया था। उससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में गंगा सिंह को बसपा के कलामुद्दीन से कड़ी टक्‍कर मिली थी। उस वक्‍त जीत का अंतर 5,500 वोटों से भी कम रहा। विश्‍वनाथ, 2007 में फाजिलनगर सीट से सपा के टिकट पर विधायक बने थे।

बताया जाता है कि फाजिलनगर सीट पर चनऊ और कुशवाहा बिरादरी के वोट प्रभावी भूमिका में रहते हैं। विश्‍वनाथ इस सीट से छह बार विधायक रहे हैं। वैसे अतीत में इस इस सीट से लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्‍मीदवारों को मौका मिल चुका है।

फाजिलनगर विधानसभा सीट पर तीन मार्च को मतदान हुआ था। फाजिलनगर इस बार कुल 56.08% वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। 2017 में 55.76% और 2012 में 55.13% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

 

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