लेखक की कलम से

स्वागत होली का …

 

अखबारों की सुर्खियां

मन मस्तिष्क को

झकझोरती हैं

टटोलतीं हैं

 

हमारे इर्द गिर्द

हमारे मनोभावों को

उलझते सुलझते

हम नजरअंदाज कर

आगे बढ़ने की कवायद

करते हैं

 

इनसे बचना ही

जिंदगी का सच है!

 

©लता प्रासर, पटना, बिहार

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