मध्य प्रदेश

हम चंबल की बात भोपाल में बैठकर नहीं करेंगे, चंबल की बात यही होगी, इसीलिए यह बैठक हुई और आगे भी होगी : मुख्यमंत्री

मुरैना
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने गुरुवार को मुरैना में आयोजित राज्य स्तरीय रोजगार दिवस कार्यक्रम में प्रदेश भर के सात लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए 5151 करोड़ रुपये का ऋण बांटा। लाड़ली बहना योजना की 45.89 लाख गैस कनेक्शनधारी महिलाओं के खाते में 118 करोड़ रुपये की राशि अनुदान के तौर पर जमा कराई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चंबल की बात भोपाल में बैठकर नहीं करेंगे, चंबल की बात यही होगी, इसीलिए यह बैठक हुई और आगे भी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार के साथ मिलकर पार्वती, कालीसिंध व चंबल नदी को जोड़ने की 7500 करोड़ रुपये की योजना का एमओयू हो चुका है, इससे चंबल सहित मध्य प्रदेश के 12 और राजस्थान के 13 जिलों की सिंचाई व पेयजल की समस्या का निदान होगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कांग्रेस पर कहा कि राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता ठुकराकर कांग्रेस ने पाप किया है, लोकसभा चुनाव में जनता इसकी सजा देगी। कार्यक्रम के दौरान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी साथ रहे।
 
कृषि मंडी में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वर्चुअल तौर पर छतरपुर की राजकुमारी कुशवाह, अनूपपुर की ज्ञानदेवी, बड़वानी की योगिता पाटीदार और दमोह की पूजा यादव से चर्चा की। इन सभी को स्वरोजगार के लिए लाखों रुपये का लोन बैंक से मिला है। बड़वानी की योगिता पाटीदार से मुख्यमंत्री ने पूछा, कि किसी ने इस काम की रिश्वत तो नहीं ली, बताओ उसे अभी सस्पेंड कर दूंगा। इस पर योगिता ने कहा कि किसी ने पैसा नहीं लिया, मेरे पास कलेक्टर बैठे हैं, इससे बड़ी क्या बात होगी। यह सुनकर मुख्यमंत्री बोले अरे मुख्यमंत्री तुमसे बात कर रहा है, ये छोटी बात है। यह कहकर मुख्यमंत्री सहित सभी ठहाके लगाने लगे।

जिला पंचायत अध्यक्ष को रोका, रोने लगीं
मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट में चंबल अंचल के अफसरों की बैठक ली, इसमें सबलगढ़ विधायक सरला रावत, भिंड के लहार से विधायक अमरीश शर्मा व कई और जनप्रतिनिधि शामिल थे, लेकिन मुरैना जिला पंचायत अध्यक्ष आरती गुर्जर को अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद ने यह कहकर रोक दिया, कि बैठक में आपको शामिल नहीं होना है। यह सुनकर वह नाराजगी जताते हुए चली गईं। मीडिया से कहा, कि जब विधायक शामिल हो सकते हैं, तो राज्यमंत्री का दर्जा रखने वाली जिपं अध्यक्ष को बैठक से क्यों दूर रखा गया? उनकी आंखों में आंसू आ गए। बाद में जब कृषि मंडी के कार्यक्रम में वह मंच पर नहीं आईं और मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचा तो भाजपा नेता उन्हें मनाकर लाए।

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