लेखक की कलम से

हममें है दम …

 

कोई कहता तुम न कर पाओगे

कोई चाहता है तुम न करो

पर हमने भी ठानी है

जीवन यूहीं नहीं गुजारनी है

कुछ कर के दिखलाना है

हमें सात समन्दर पार जाना है

उन्नति का शिखर यूं ही नहीं मिलता है

रात दिन एक कर मेहनत करना पड़ता है

सफलता तब कदमों में होगी

जब मां बाबा का आशीर्वाद साथ होगा

देखो ऐसे हालात में हमें न कोई हरा पाएगा

हममें है दम यह साबित कर देंगे

वक्त से टकराना हमने भी सीखा है

कांटों से फूल चुनना

और बनजर ज़मीन में अन्न उगाना

कर्मठ ही कर पाएंगे

हम ऐसे कर्मवीर बन जाएंगे

जीवन में सबके खुशबू बिखेरेंगे

जब इरादे मजबूत हो तो

लक्ष्य बहुत करीब होता है

जब होंसला मनुष्य में होता है

राह आसान हो जाते हैं

हर काम मुमकिन हो जाता है

हर कोई कहना चाहेगा

बाबू तुम में है दम

तू जरूर कुछ कर दिख लाएगा।।

 

©डॉ. जानकी झा, कटक, ओडिशा                                  

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