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उद्धव के मंत्री ने दिया था राणे को गिरफ्तार करने का आदेश, कोर्ट जाएगी बीजेपी …

मुंबई। सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी का आदेश खुद शिवसेना के सीनियर नेता अनिल परब ने दिया था। पुलिस को राणे को गिरफ्तार करने के आदेश वाला उनका वीडियो वायरल हो रहा है। इसके बाद से ही वह इस मामले में पुलिस पर राजनीतिक दबाव बनाने के आरोपों में घिर गए हैं। अनिल परब रत्नागिरी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नारायण राणे को गिरफ्तार करने का आदेश देते दिख रहे हैं। वह इस जिले के प्रभारी मंत्री हैं और सीएम उद्धव ठाकरे के करीबी नेताओं में शुमार किए जाते हैं।

वीडियो में अनिल परब बिना किसी वॉरंट के ही नारायण राणे को गिरफ्तार करने और पुलिस फोर्स का इस्तेमाल करने का आदेश देते दिख रहे हैं। रत्नागिरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके पास एक कॉल आ गई थी। यह शायद किसी पुलिस अधिकारी का था। अनिल परब इस कॉल पर कहते हैं, ‘क्या कर रहे हो? तुम उसे गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहे हो? उसे हिरासत में क्यों नहीं ले रहे हो? तुम्हें ऐसा करना होगा। किस आदेश की वे लोग बात कर रहे हैं। हाई कोर्ट और सेशन कोर्ट ने पहले ही उनकी बेल अर्जी को खारिज कर दिया है। पुलिस फोर्स का इस्तेमाल करो और उन्हें गिरफ्तार करो।’

उनकी इस बातचीत का वीडियो मराठी चैनल टीवी के कैमरा पर रिकॉर्ड हो गया था। यह वीडियो क्लिप अब वायरल हो रही है। इस मौके पर अनिल परब के साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत और शिवसेना के विधायक भास्कर जाधव भी थे। उनकी बातचीत से यह साफ नहीं है कि वे किसे ऑर्डर दे रहे थे, लेकिन माना जा रहा है कि वह रत्नागिरी के ही किसी सीनियर पुलिस अधिकारी से बात कर रहे थे। उनकी बातचीत के कुछ समय बाद ही नारायण राणे को अरेस्ट कर लिया गया था। बता दें कि मंगलवार को बीजेपी नेता प्रमोद जाठर ने दावा किया था कि रत्नागिरी के एसपी ने कहा है कि उन पर राणे की गिरफ्तारी को लेकर भारी दबाव है।

अब अनिल परब का वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि हमने अनिल परब के खिलाफ अदालत जाने का फैसला लिया है। पाटिल ने कहा, ‘अनिल परब की ओर से पुलिस फोर्स का गलत इस्तेमाल किए जाने के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। सत्ताधारी पार्टी कानून को अपने हाथ में ले रही है। सरकार पुलिस फोर्स को अपने हाथ में ले रही है। आखिर कोई मंत्री कैसे पुलिस अधिकारियों से यह कह सकता है कि वे तुरंत केंद्रीय मंत्री को फोर्स का इस्तेमाल करते हुए अरेस्ट करें। हम इस मामले में कोर्ट से दखल की मांग करेंगे।’

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