मध्य प्रदेश

दुर्लभ जीव-जन्तुओं पर दो दिवसीय कार्यशाला आज से

अपर मुख्य सचिव वन श्री कंसोटिया करेंगे शुभारंभ

भोपाल। वनों और जलीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले ऐसे दुर्लभ जीव-जन्तुओं पर शोध कार्य बहुत न्यून हुए है, ऐसी प्रजातियों पर गहन चर्चा करने और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार 20 और 21 जनवरी को दो दिवसीय कार्य-शाला होगी। कार्यशाला का शुभारंभ अपर मुख्य सचिव वन जे.एन.कंसोटिया सुबह 10 बजे पर्यावरण परिसर के एप्को सभागार में किया जाएगा। “लेंसर लौन स्पीशीज ऑफ मध्यप्रदेश” पर आधारित कार्यशाला मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड भोपाल, भोपाल वर्डस संस्था एवं मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसायटी के सहयोग से एस.एन.एच.सी. इंडिया द्वारा की जा रही है।

इन प्रजाति के जीव-जन्तुओं पर होगा मंथन

दो दिवसीय कार्यशाला में कैरकल, इंडियन वुल्फ, इंडियन स्कीमर, फारेस्ट आऊलेट, रिवर डॉलफिन, लैसर फ्लोरिकन, इंडियन औटर, मध्यप्रदेश में पाई जाने वाले बिच्छू एवं सरीसृप प्रजातियों के जीव-जन्तुओं पर मंथन कर भविष्य में इनके संरक्षण के लिए रणनीति तय होगी।

यह विशेषज्ञ होंगे शामिल

बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (मुम्बई), डब्लू डब्लू ऍफ़-इंडिया, टाइगर वाच (राजस्थान), सलीम अली सेंटर फॉर ओर्निथोलॉजी (कोयम्बटूर) एवं जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया आदि संस्थाओं के विशेषज्ञ और वन विभाग के अधिकारी कार्यशाला में मंथन करेंगे।

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